असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए ये जानना जरूरी है कि इसके लिए कौन-कौन सी योग्यता चाहिए और क्या प्रक्रिया है. यह नौकरी हायर एजुकेशन के फील्ड में स्थायी और शानदार करियर का रास्ता खोलती है. आइए एक नजर डालते हैं असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का पूरा क्राइटेरिया क्या है.
असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से अपने विषय में मास्टर डिग्री होना जरूरी है. मास्टर में न्यूनतम 55% अंक आवश्यक हैं. अनुसूचित जाति/जनजाति और शारीरिक रूप से विकलांग (PwD) उम्मीदवारों को इसमें 5% की छूट दी जाती है. यानी इनके लिए न्यूनतम अंक 50% पर्याप्त हैं.
NET या SET परीक्षा
मास्टर डिग्री के बाद अगला कदम है राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) या राज्य पात्रता परीक्षा (SET) पास करना. NET परीक्षा UGC द्वारा आयोजित की जाती है और पास होने के बाद आप देश के किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में आवेदन कर सकते हैं. SET परीक्षा कुछ राज्यों में आयोजित होती है, जिसमें सफल उम्मीदवार अपने राज्य के कॉलेजों में आवेदन कर सकते हैं. NET/SET पास करना असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी योग्यता है यदि आपके पास पीएचडी नहीं है.
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पीएचडी से क्या?
यदि आपके पास प्रासंगिक विषय में पीएचडी की डिग्री है, तो आपको NET या SET देने की आवश्यकता नहीं होती. UGC के नियमों के अनुसार, पीएचडी धारक सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पात्र होते हैं.
कितनी होती है सैलरी?
असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी बात की जाए तो सरकारी संस्थानों में इन्हें शुरुआत से ही बेहद शानदार वेतन मिलता है. सरकारी विश्वविद्यालयों में बेसिक वेतन 56,100 रुपये प्रति माह है. इसके अलावा उन्हें कुछ अन्य फैसिलिटी भी प्रदान की जाती हैं. अनुभव के आधार पर इनकी सैलरी बढ़ती है साथ ही साथ पोजीशन में भी समय के बदलाव होते हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर पहले एसोसिएट प्रोफेसर बनते हैं फिर वह प्रोफेसर भी बनते हैं.
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