Kerala Politics BJP Rise: केरल की राजनीति में दशकों से चली आ रही LDF-UDF की द्विध्रुवीय तस्वीर अब बदलने लगी है. 2020 के कन्नूर और कोझिकोड निकाय चुनावों में भाजपा की उपस्थिति ने नए राजनीतिक संकेत दिए. शहरी और युवा मतदाताओं में विकास-आधारित मुद्दों पर झुकाव बढ़ रहा है. यही बदलाव 2026 के विधानसभा चुनावों को नई दिशा दे सकता है.
इन नतीजों ने इस धारणा को बदल दिया कि केरल की राजनीति स्थिर और अपरिवर्तित रह सकती है. कन्नूर और कोझिकोड जैसे क्षेत्रों में पहली बार भाजपा की जीत और उपस्थिति ने यह संकेत दिया कि राज्य में राजनीतिक विमर्श अब एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है. यही बदलाव अब 2026 के विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में नई कहानी लिखता दिखाई दे रहा है.
कन्नूर–कोझिकोड में बदलते संकेत
कन्नूर को परंपरागत रूप से वामपंथी राजनीति का मजबूत आधार माना जाता है. जबकि कोझिकोड में UDF (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) और LDF (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) की बारी-बारी की जीतें लंबे समय से चलती रही हैं. ऐसे इलाकों में भाजपा ने 2020 में कन्नूर कॉर्पोरेशन में 1 सीट और कोझिकोड में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए कई वार्डों में मजबूत उपस्थिति दर्ज की. यह बदलाव केवल मतों में परिवर्तन नहीं था, बल्कि शहरी और मध्यम वर्ग के रुझान को नए तरीके से सामने लाता है.

कन्नूर और कोझिकोड में दिखा बदलाव सिर्फ स्थानीय समीकरण का नतीजा नहीं था.
ऐसे बदला राजनीतिक समीकरण (Bullet Points पैराग्राफ)
- कन्नूर में भाजपा की पहली जीत ने स्थानीय राजनीति में नया विकल्प प्रस्तुत किया.
- कोझिकोड के शहरी वार्डों में मध्यम वर्ग का झुकाव विकास-आधारित मुद्दों की ओर बढ़ा.
- दोनों शहरों में भाजपा ने बूथ स्तर तक संगठन खड़ा किया.
- स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों ने 2026 के बड़े चुनाव की दिशा तय की.
- केंद्र की योजनाओं और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केरल में धारणा बनाने में अहम रहा.
द्विध्रुवीय राजनीति से बाहर निकलता केरल
LDF-UDF की बारी-बारी की सरकारों के बीच राज्य की राजनीतिक पहचान लगभग तय मानी जाती थी. लेकिन 2020 के बाद मतदाताओं का ध्यान विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, और रोजगार जैसे मुद्दों पर शिफ्ट हुआ. केंद्र सरकार की योजनाओं और हाईवे, रेलवे एवं कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स ने युवाओं और कामकाजी वर्ग को नए विकल्पों पर विचार करने को प्रेरित किया.
परिवर्तन का रोडमैप (Numbered पैराग्राफ)
2026 का चुनाव कई वजहों से ऐतिहासिक होने की तैयारी में है:
- संगठनात्मक विस्तार: बूथ स्तर पर नए चेहरे और युवा नेतृत्व की एंट्री.
- समुदायों में संवाद: ईसाई और मुस्लिम वर्ग में राजनीतिक बातचीत का दायरा बढ़ना.
- युवाओं की प्राथमिकताएं: रोजगार, उद्योग और अवसरों की तलाश में नया झुकाव.
2020 के ट्रेंड बनाम 2026 की उम्मीदें
| क्षेत्र | 2020 चुनाव ट्रेंड | 2026 की संभावित दिशा |
| कन्नूर | भाजपा ने 1 सीट जीती | संगठन और वोट शेयर में वृद्धि की |
| कोझिकोड | कई वार्डों में प्रभावी उपस्थिति | शहरी मतदाताओं में विकल्प का विस्तार |
| राज्य स्तर | पहली बार तीसरा विकल्प उभरता दिखा | त्रिकोणीय मुकाबले की संभावनाएं बढ़ीं |
कन्नूर और कोझिकोड में दिखा बदलाव सिर्फ स्थानीय समीकरण का नतीजा नहीं था. यह उस राजनीतिक लहर का शुरुआती संकेत था जिसे 2026 में राज्य राजनीति का बड़ा विषय बनना है. केरल की युवा आबादी, शहरी मतदाता और मध्यम वर्ग अब पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़कर नए विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं. यही वजह है कि 2026 का चुनाव ‘LDF बनाम UDF’ नहीं, बल्कि ‘स्थिरता बनाम बदलाव’ की प्रतिस्पर्धा बन सकता है.
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