
Bengaluru chinnaswamy stampede update: आईपीएल 2025 में आरसीबी की खिताबी जीत के बाद बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ और मौतों के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. निखिल सोसले समेत अन्य 3 आरोपियों की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट कल यानी गुरुवार दोपहर 2:30 बजे फैसला सुनायेगा. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित होने वाला कार्यक्रम एक तरह से तीन लोगों के बीच समझौता था- आरसीबी, बीसीसीआई और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन. इसके लिए पुलिस प्रशासन की अनुमति नहीं ली गई थी.
आरसीबी के मार्केटिंग मैनेजर निखिल सोसले की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि आरसीबी की तरफ से अगर इस तरह के किसी कार्यक्रम की तैयारी की गई थी तो उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस को इस कार्यक्रम की पहले से जानकारी नहीं दी थी. हालांकि फाइनल के 1 घंटे पहले आरसीबी की तरफ से पुलिस को बताया गया कि वह इस तरीके से कार्यक्रम करने और विक्ट्री परेड निकालने की तैयारी कर रहे हैं, अगर आरसीबी जीतती है, लेकिन वो भी सिर्फ जानकारी दी गई थी अनुमति नहीं मांगी गई थी.
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अगर अनुमति लेनी थी, ऐसे कार्यक्रम के लिए तो कम से कम 7 दिन पहले लेनी चाहिए थी. इस कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक तौर पर सबको न्योता दे दिया गया जबकि आरसीबी के सिर्फ फॉलोअर्स की बात की जाए तो वो लाखों की संख्या में हैं. ऐसे में किसको बुलाया जा रहा है या किसको नहीं, इसको लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं था.
कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा तो इस लिहाज़ से आप ये कह रहे हैं कि पूरा कार्यक्रम भी गैर कानूनी तरीके से आयोजित किया गया था. अगर ऐसा है तो फिर उस तरह से कार्रवाई भी होनी चाहिए. सरकार के वकील ने कहा कि क्योंकि चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम को लेकर किसी के पास पूरी तरह से जानकारी नहीं थी. चिन्नास्वामी स्टेडियम की अलग-अलग गेट ऊपर हजारों की संख्या में लोग जुटने लगे और नतीजा यह हुआ कि भगदड़ हो गई.
निखिल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए सरकारी वकील ने दलील देते हुए कहा कि अगर बात निखिल सोसले की गिरफ्तारी की कि जाए तो उन्होंने रात करीबन 11 बजे हवाई यात्रा का टिकट खरीदा और सुबह 4 की फ्लाइट थी, जो यह साफ दिखाता है कि वह बिना पुलिस की जानकारी के बेंगलुरु छोड़कर भागना चाह रहे थे.
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया की सीआईडी को 5 जून को जांच ट्रांसफर कर दी गई थी और सीआईडी ने 6 जून से मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ा दी है. चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम को लेकर जनता को इनविटेशन तो दे दिया क्या, लेकिन यह नहीं बताया गया था कि आखिर फ्री टिकट कितने लोगों को मिलेंगे कैसे मिलेंगे. इस बीच सरकारी वकील ने यह भी साफ किया कि इस कार्यक्रम से सरकार का कोई लेना-देना नहीं था, यह पूरी तरह से आरसीबी का कार्यक्रम था.
आरोपियों के वकील ने कहा कि जब सीआईडी ने मामला 6 तारीख को दर्ज किया तो आखिर इन आरोपियों की गिरफ्तारी 5 की रात में किस आधार पर कर ली गई, इसके साथ ही गिरफ्तारी के समय जो जानकारी और दस्तावेज आरोपियों को देने होते हैं वो जानकारी और दस्तावेज भी नहीं दिए गए. आरोपी के वकील ने कहा कि इस मामले में इन लोगों की गिरफ्तारी इस वजह से की गई क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी का निर्देश दिया था.
आरोपियों के वकील ने कहा कि आपने आरोपियों पर आरोप लगाया कि इन्होंने विजेता टीम को चिन्नास्वामी स्टेडियम में जीत के जश्न के लिए बुलाया, ऐसे तो राज्य के उपमुख्यमंत्री ने भी विजेता टीम को बुलाया था. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि जीत के जश्न को लेकर जो कार्यक्रम किया गया था उसका राज्य के उपमुख्यमंत्री से कोई लेना देना नहीं था.
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