
- कॉपी लिंक

ईरान ने इजराइल के साथ युद्धविराम पर शक जताया। ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अब्दोलरहीम मूसवी ने रविवार को सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान से फोन पर बातचीत में कहा- हमें दुश्मन (इजराइल) के साथ युद्धविराम पर शक है। अगर फिर से कोई हमला हुआ, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
मूसवी ने कहा कि जब ईरान अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में व्यस्त था, तब इजराइल ने उस पर हमल कर दिया और अमेरिका ने उसका साथ दिया। इससे पता चलता है ये दोनों देश किसी भी अंतरराष्ट्रीय नियम-कानून का पालन नहीं करते।
उन्होंने यह भी कहा-जंग हमने शुरू नहीं की है, लेकिन हमने हमलावर को अपनी पूरी ताकत से जवाब दिया। दोनों अधिकारियों ने डिफेंस के साथ- साथ कई द्विपक्षीय मुद्दे पर भी बात की।
इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन की लड़ाई के बाद 24 जून को सीजफायर हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका ऐलान किया है। इस लड़ाई में ईरान के 610 और इजराइल के 28 लोग मारे गए।

ईरान के पास एटम बम बनाने के लिए यूरेनियम मौजूद
UN की इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने रविवार को कहा कि ईरान कुछ महीनों में अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम फिर से शुरू कर सकता है। जबकि अमेरिकी ने B-2 बॉम्बर से हमला कर ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स को तबाह करने का दावा किया था।
IAEA डायरेक्टर राफेल ग्रॉसी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ईरान की कुछ न्यूक्लियर फैसिलिटी अभी भी बची हुई हैं। उन्होंने कहा-

ईरान के पास 60% प्योर यूरेनियम का भंडार है, जो एटम बम बनाने के लिए काफी है। इस भंडार को अमेरिकी हमले से पहले हटा दिया गया था या फिर ये तबाह हो गया, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।

23 जून को ईरान की जेल पर हमले में 71 की मौत की पुष्टि
ईरान की न्यायपालिका ने रविवार को बताया कि तेहरान की इविन जेल पर 23 जून को इजराइल के हमले में कम से कम 71 लोग मारे गए हैं। यह एक कुख्यात जेल है, जहां कई पॉलिटिकल एक्टिविस्ट्स को रखा गया है। मारे गए लोगों में जेल कर्मचारी, सैनिक, कैदी और मिलने आए परिवार के सदस्य शामिल हैं।

इजराइल के हमले में पूरा जेल तबाह हो गया था।
ईरान बोला- ट्रम्प समझौता चाहते हैं तो अपनी भाषा बदलें
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतावनी दी है कि वे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल बंद करें।
अराघची ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ट्रम्प का यह रवैया न सिर्फ खामेनेई का, बल्कि उनके लाखों समर्थकों का भी अपमान करता है। ट्रम्प अगर ईरान से कोई समझौता चाहते हैं तो उन्हें अपनी भाषा बदलनी होगी।
अराघची का यह बयान ट्रम्प के उस दावे के बाद आया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्होंने खामेनेई को मरने से बचाया, नहीं तो उनकी बहुत बुरी मौत होती।

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची का कहना है कि ट्रम्प का रवैया खामेनेई के लाखों समर्थकों का अपमान है।
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.