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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतावनी दी कि वे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल बंद करें।
अराघची ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ट्रम्प का यह रवैया न सिर्फ खामेनेई का बल्कि उनके लाखों समर्थकों का भी अपमान करता है। ट्रम्प अगर ईरान से कोई समझौता चाहते हैं तो उन्हें अपनी भाषा बदलनी होगी।
अराघची का यह बयान ट्रम्प के उस दावे के बाद आया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्होंने खामेनेई को मरने से बचाया, नहीं तो उनकी बहुत बुरी मौत होती।
इजराइल पर भी कसा तंज
अराघची ने इजराइल पर भी तंज किया। उन्होंने कहा कि जब ईरानी मिसाइलें गिरती हैं तो इजराइल डर के मारे ‘डैडी के पास भागने’ को मजबूर हो जाता है। ट्रम्प को पहली बार नाटो चीफ मार्क रूटे ने मजाकिया अंदाज में ‘डैडी’ कहा था।
दरअसल, ट्रम्प इजराइल और ईरान पर सीजफायर तोड़ने को लेकर नाराज थे। इस दौरान उन्होंने अपशब्द का इस्तेमाल कर दिया था। इसके जवाब में नाटो चीफ ने मजाक में कहा, “डैडी को कभी-कभी कठोर भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है ताकि उन्हें रोका जा सके।” बाद में यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

नाटो चीफ मार्क रूटे ने मजाकिया अंदाज में ट्रम्प के डैडी कह दिया था, जिसके बाद यह बयान काफी वायरल हुआ था।
ट्रम्प बोले थे- मैंने खामेनेई को भयानक मौत से बचाया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के उस दावे को झूठा करार दिया, जिसमें उन्होंने इजराइल के खिलाफ जंग में जीत की ऐलान किया था।
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर कहा था- ‘मैंने खामेनेई को एक भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया। मुझे यह भी उम्मीद नहीं है कि वे मुझे शुक्रिया कहेंगे।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि वह खामेनेई के ठिकाने से वाकिफ थे, लेकिन उन्होंने इजराइल और अमेरिकी सेना को उनकी हत्या से रोका, जिससे उनकी जान बच गई।
उन्होंने आगे कहा, ‘ईरान ग्लोबल सिस्टम में शामिल होने की जगह गुस्सा और दुश्मनी दिखा रहा है, जिसकी वजह से उनकी सेना, इकोनॉमी और भविष्य बर्बाद हो चुका है।’

इजराइली रक्षा मंत्री ने भी कहा था- खामेनेई को मारना चाहते थे इससे पहले इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने गुरुवार को कहा था कि इजराइल ईरान के सुप्रीम लीडर को खत्म करना चाहता था। काट्ज ने चैनल 13 के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर खामेनेई हमारी पहुंच में होते, तो हम उन्हें मार गिराते।’
काट्ज ने कहा, ‘इजराइल खामेनेई को खत्म करना चाहता था, लेकिन ऐसा करने का कोई मौका नहीं था।’ काट्ज से जब पूछा गया कि क्या इजराइल ने अमेरिका से इसकी इजाजत मांगी थी, इस पर उन्होंने कहा, ‘हमें इन चीजों के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है।
जंग में मारे गए 60 ईरानी अफसरों का अंतिम संस्कार
इजराइल से जंग में मारे गए 60 ईरानी अफसरों का शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। इनमें 30 सैन्य कमांडर्स और 11 परमाणु वैज्ञानिक शामिल थे। तेहरान में इनके जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ जुटी।
जिन लोगों को दफनाया गया, उनमें ईरान के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी मोहम्मद बाघेरी भी शामिल थे। वे ईरानी आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ थे। अफसरों के शवों को गाड़ियों पर ईरानी झंडे में लिपटे ताबूतों में रखे थे। ताबूतों के साथ अफसरों की तस्वीरें भी रखी थीं।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची, पार्लियामेंट स्पीकर मोहम्मद बाकर कलीबाफ, ज्युडिश्यरी चीफ मोहसेनी-एजेई, IRGC कुद्स फोर्स कमांडर इस्माइल कानी सहित कई बड़े नेता और सैन्य अधिकारी भी जनाजे में पहुंचे।
ईरान और इजराइल के बीच 12 जून को जंग शुरू हुई थी। अमेरिका ने 22 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। दो दिन बाद, 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रूथ सोशल पर ईरान-इजराइल के बीच सीजफायर का ऐलान किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर…

इजराइली हमलों में मारे गए ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों के जनाजे में हजारों की भीड़ जुटी।
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