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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई के उस दावे को झूठा करार दिया, जिसमें उन्होंने इजराइल के खिलाफ जंग में जीत की ऐलान किया था।
ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्रुथ सोशल पर कहा कि ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं और उनकी सेना और अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है। ट्रम्प ने दावा किया कि वह खामेनेई के ठिकाने से वाकिफ थे, लेकिन उन्होंने इजराइल और अमेरिकी सेना को उनकी हत्या से रोका, जिससे उनकी जान बच गई।
ट्रम्प ने कहा- मैंने खामेनेई को एक भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया। मुझे यह भी उम्मीद नहीं है कि वे मुझे शुक्रिया कहेंगे।
ट्रम्प ने कहा कि वह ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का सोच रहे थे, लेकिन खामेनेई के गुस्से और नफरत भरे बयान के बाद उन्होंने यह योजना रद्द कर दी।
ट्रम्प ने ईरान के हालात को तबाह बताते हुए कहा कि उनका देश ग्लोबल सिस्टम में शामिल होने की जगह गुस्सा और दुश्मनी दिखा रहा है, जिसकी वजह से उनकी सेना, इकोनॉमी और भविष्य बर्बाद हो चुका है।

ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने ईरानी सुप्रीम लीडर को मौत से बचाया है।
ईरानी राष्ट्रपति बोले- इजराइल के हमलों का जवाब जरूरी था
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने कहा कि अगर इजराइल के हमलों का जवाब नहीं दिया जाता, तो इससे पूरे क्षेत्र में बड़ा और बेकाबू युद्ध शुरू हो सकता था। पजशकियान ने यह बात बेलारूस के मिन्स्क में चल रहे चौथे यूरेशियन आर्थिक मंच में ऑनलाइन जुड़कर कही।
उन्होंने बताया कि इजराइल ने ईरान की जमीन पर हमला किया था और ईरान की सेना ने संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक इसका सही जवाब दिया। पजशकियान ने कहा कि उस वक्त ईरान और अमेरिका के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अप्रत्यक्ष बातचीत चल रही थी, तभी इजराइल ने ईरान पर हवाई हमला कर दिया।
पजशकियान ने कहा कि ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका और इजराइल का हमला अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है, क्योंकि ये परमाणु सुविधाएं IAEA की पूरी निगरानी में हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देश द्वारा इस तरह का हमला परमाणु हथियारों के फैलाव को रोकने की कोशिशों के लिए बड़ा नुकसान है।

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियन बेलारूस के मिन्स्क में सुप्रीम यूरेशियन आर्थिक परिषद की बैठक में शामिल हुए।
पजशकियान बोले- इजराइल पर सख्त रुख दिखाएं
पजशकियान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर यूएन सुरक्षा परिषद (UNSC) और IAEA से अपील की कि वे हमले करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उन्होंने कहा कि इजराइल के मानवाधिकारों के बार-बार और बड़े उल्लंघन के बावजूद उसके साथ नरमी की नीति अब खत्म होनी चाहिए।
पजशकियान ने उन देशों का शुक्रिया भी अदा किया जिन्होंने ईरान पर इजराइल के हमलों की निंदा की। उन्होंने अपने भाषण में ईरान और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का भी जिक्र किया और कहा कि यह समझौता क्षेत्र के देशों के बीच आर्थिक रिश्ते बढ़ाने में मदद करेगा।
ईरानी सुप्रीम लीडर को मारना चाहता था इजराइल
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने गुरुवार को कहा कि इजराइल ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को खत्म करना चाहता था। काट्ज ने चैनल 13 के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर खामेनेई हमारी पहुंच में होते, तो हम उन्हें मार गिराते।’
काट्ज ने कहा, ‘इजराइल खामेनेई को खत्म करना चाहता था, लेकिन ऐसा करने का कोई मौका नहीं था।’ काट्ज से जब पूछा गया कि क्या इजराइल ने अमेरिका से इसकी इजाजत मांगी थी, उन्होंने जवाब दिया, ‘हमें इन चीजों के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है।’
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद अब अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने दोहराया है कि 22 जून को उसके हमले से ईरान के न्यूक्लियर ठिकानें पूरी तरह से तबाह हो गए। हेगसेथ ने जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन के साथ डिफेंस डिपार्टमेंट के हेडक्वार्टर पेंटागन में ईरान हमले पर मीडिया को संबोधित किया।
हेगसेथ ने कहा, ‘ईरान पर अमेरिका का हमला ऐतिहासिक रूप से सफल हमला था।’ हेगसेथ ने उस खुफिया रिपोर्ट की जानकारी देने के लिए पत्रकारों को फटकार लगाई, जिसमें कहा गया था कि ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम को हमलों से मामूली नुकसान पहुंचा है।
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