
Israel Iran war and BrahMos Missile: इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन में ईरान के सैन्य अफसरों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया है. विशेषज्ञों के अनुसार, इजरायल को ब्रह्मोस जैसी मिसाइल की जरूरत हो सकती है.

हाइलाइट्स
- इजरायल और ईरान के बीच जंग चरम पर है.
- इजरायल को फोर्डो पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस जैसी मिसाइल की जरूरत.
- ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता और शक्ति इसे आदर्श बनाती है.
Israel Iran war and BrahMos Missile: ईरान और इजरायल के बीच जंग अपने चरम पर है. इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान में भारी तबाही मचाई है. उसने ईरान के टॉप सैन्य अफसरों और वहां के कई परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया है. दूसरी तरह ईरान ने भी जवाबी हमले किए हैं. लेकिन, इजरायल की कार्रवाई काफी व्यापक है. इजरायल ने ईरान की नतांज और अन्य परमाणु सुविधाओं पर हमले किए. लेकिन, जानकार बता रहे हैं कि ईरान का फोर्डो परमाणु संवर्धन केंद्र अब भी इजरायल की पहुंच से बाहर है. यह केंद्र एक पहाड़ के भीतर लगभग 500 मीटर नीचे है. यह इजरायल के मौजूदा हथियारों की पहुंच से बाहर है. यहां पर इसजराली बम बेअसर हो जाते हैं. इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इजरायल को भी भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसी तकनीक की जरूरत पड़ सकती है. ब्रह्मोस अपनी सटीकता और शक्ति के लिए जानी जाती है. इसने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी में तबाही का मंजर दुनिया को दिखा दिया था. विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो जैसे अभेद्य लक्ष्य को नष्ट करने के लिए इजरायल को नई रणनीति और संभवतः अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी.
ब्रह्मोस दुनिया की एक सबसे खतरनाक सुपरसोनिक मिसाइल है.
ब्रह्मोस भेदेगी किला
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल इसके लिए एक शक्तिशाली विकल्प हो सकती है. इस मिसाइल की गति मैक 3 है और यह 400 किलोमीटर की रेंज तक वार कर सकती है. यह अपने साथ करीब 1000 किलो विस्फोटक लेकर चलती है. यह मिसाइल जमीन, समुद्र, हवा और पनडुब्बी से लॉन्च की जा सकती है. इसका फायर एंड फॉरगेट गुण इसे सटीक हमलों के लिए आदर्श बनाता है. हालांकि, ब्रह्मोस को मुख्य रूप से पारंपरिक लक्ष्यों के खिलाफ डिजाइन किया गया है और इसके वर्तमान संस्करण में फोर्डो जैसे गहरे बंकर को नष्ट करने की क्षमता सीमित है. फिर भी ब्रह्मोस-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) जो हल्का और अधिक फ्लेक्सिबल है, भविष्य में इस कमी को पूरा कर सकता है. इसकी सटीकता और गति को बढ़ाकर इसे बंकर-भेदी क्षमता से लैस करना संभव हो सकता है.
इजरायल की रणनीतिक चुनौती
ईरान का जवाब
ईरान ने फोर्डो की सुरक्षा को लेकर दावा किया है कि यह हमलों से सुरक्षित है लेकिन इजरायल के हालिया ऑपरेशन ने उसे चिंतित कर दिया है. अगर इजरायल ब्रह्मोस जैसी तकनीक का सहारा लेता है तो ईरान अपनी रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की कोशिश करेगा जो क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ा सकता है. इसके अलावा रूस और चीन जैसे देशों की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वे ईरान के प्रमुख सहयोगी हैं. भारत के लिए यह स्थिति कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी क्योंकि वह ईरान के साथ भी ऊर्जा व्यापार करता है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें
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