
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच आपसी बातचीत में घबराहट देखी गई. उन्होंने एक-दूसरे से पूछा, “हमारा एयर डिफेंस कहां है? इजरायल आकर जो चाह रहा है वो कर रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे.”
ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों की मौत
इजरायली हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी और सशस्त्र बल प्रमुख मोहम्मद हुसैन बाघेरी, समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई. यह हमला ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को बड़ा झटका माना जा रहा है. हमले के बाद अब ईरान और अमेरिका के बीच होने वाली परमाणु बातचीत अधर में लटक गई है. ईरान ने संकेत दिए हैं कि वह अब बातचीत से पीछे हट सकता है.
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने एक बैठक में कहा कि वह इजरायल से बदला लेना चाहते हैं, लेकिन बिना जल्दबाजी के. वहीं अधिकारियों के बीच इस बात पर बहस चल रही है कि क्या ईरान एक लंबे युद्ध के लिए तैयार है, खासकर अगर अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो जाए. एक अफसर ने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने ईरान की बिजली या पानी की सुविधाओं पर अंकुश लगाया तो देश में भीतर बगावत हो सकती है.
खामेनेई के सामने दो मुश्किल रास्ते
खामेनेई के सामने दो मुश्किल रास्ते हैं. पहला युद्ध का रास्ता, जिससे उनकी सत्ता खतरे में पड़ सकती है. वहीं दूसरा, शांत रहना, जिससे ईरान को कमजोर समझा जाएगा. अब दुनिया की नजरें दोनों देशों के आगे के फैसलों पर टिकी हैं.
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