
Where is Ayatollah Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई एक हफ्ते से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं. इससे उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और उत्तराधिकार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.

खामेनेई ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी किए जाने के बाद से कोई सार्वजनिक उपस्थिति या बयान नहीं दिया है.
हाइलाइट्स
- खामेनेई एक हफ्ते से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे
- उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर अटकलें तेज
- इजरायल और अमेरिकी हमलों के बाद से हैं नदारद
Where is Ayatollah Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक हफ्ते से सार्वजनिक रूप से न दिखने के कारण उनके देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह की अटकलें लग रही हैं. जब से इजरायल और अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर संयुक्त रूप से बमबारी की थी. 86 वर्षीय सर्वोच्च नेता की तब से कोई सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं की गई है और ना ही कोई बयान दिया है. हालांकि तेहरान ने कतर में एक अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमले करके खुद पर हुए हमले का जवाब दिया है. जिसके बाद युद्धविराम लागू हो गया, जिसकी मध्यस्थता कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की.
पिछले कुछ समय से खामेनेई के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें उड़ रही हैं. अक्टूबर 2024 में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि खामेनेई गंभीर रूप से बीमार हैं. जिसके बाद उनके उत्तराधिकार को लेकर चर्चाएं तेज हुई थीं. हालांकि ईरानी सरकार ने इन खबरों को खारिज किया था और नवंबर 2024 में खामेनेई के लेबनान के राजदूत से मुलाकात की खबर ने इन अफवाहों को कुछ हद तक कम किया था. हाल के दिनों में उनकी सार्वजनिक अनुपस्थिति ने एक बार फिर स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को हवा दी है. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि वे कोमा में हो सकते हैं, हालांकि इन दावों की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. ईरान सरकार ने इन्हें खारिज कर दिया है.
सैन्य तनाव के कारण खामेनेई के सुरक्षा उपायों को लेकर अटकलें हैं. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायली हमलों और उनकी हत्या की धमकियों के चलते खामेनेई को तेहरान में एक गुप्त बंकर में स्थानांतरित कर दिया गया है. उनके परिवार विशेष रूप से उनके बेटे मोजतबा खामेनेई के भी उनके साथ होने की बात कही गई है. खामेनेई की सुरक्षा एक गुप्त एलीट फोर्स द्वारा की जा रही है. जिसके बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है. यह फोर्स बिना संचार उपकरणों के काम करती है ताकि उनकी लोकेशन का पता न लगाया जा सके. 24 जून को घोषित युद्धविराम के बावजूद खामेनेई के बंकर से बाहर न आने की खबरें हैं. जिससे यह अटकलें तेज हुई हैं कि वे इजरायल या अमेरिका द्वारा संभावित हमले के डर से छिपे हुए हैं.
खामेनेई की अनुपस्थिति ने उनके उत्तराधिकार को लेकर अटकलों को बढ़ावा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की 21 जून एक रिपोर्ट के अनुसार खामेनेई ने तीन वरिष्ठ मौलवियों को अपने संभावित उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है. ताकि उनकी मृत्यु या हत्या की स्थिति में सत्ता का संकट न हो. दिलचस्प बात यह है कि उनके बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम इस सूची में शामिल नहीं है. जिससे पहले की अटकलों को झटका लगा है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स उत्तराधिकार की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री ने खामेनेई की हत्या की धमकी दी है, जिससे उनकी अनुपस्थिति को सैन्य और राजनीतिक रणनीति से जोड़ा जा रहा है. कुछ खबरों में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई को मारने की इजरायली योजना को वीटो कर दिया था, क्योंकि इससे संघर्ष और भड़क सकता था. खामेनेई ने अपने हालिया संदेशों में इजरायल और अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘ईरान सरेंडर नहीं करेगा’ और इजरायल को ‘कड़ी सजा’ दी जाएगी. ये संदेश राष्ट्रीय टेलीविजन या मध्यस्थों के माध्यम से प्रसारित किए गए हैं, जिससे उनको लेकर सवाल उठे हैं.
खामेनेई की अनुपस्थिति ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है. उनके विचारों खास तौर से उनके निजी जीवन से संबंधित उनके पुराने पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं. जिससे उनकी छवि को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ी है. कुछ यूजर्स ने मजाक में उन्हें ‘फेमिनिस्ट’ या ‘मैरिज काउंसलर’ जैसे उपनाम दिए हैं. जो उनके गंभीर धार्मिक और राजनीतिक व्यक्तित्व से अलग एक छवि को दर्शाता है. इस बीच ईरान की सड़कों पर लोगों की तादाद कम नजर आ रही है. सप्ताहांत में तेहरान में महिला प्रदर्शनकारियों को इजरायल विरोधी और अमेरिका विरोधी प्रदर्शन के दौरान खामेनेई की तस्वीरें पकड़े देखा गया. खानमैन अखबार के संपादक मोहसेन खलीफे ने कहा, “उनकी कई दिनों की अनुपस्थिति ने हम सभी को जो उन्हें प्यार करते हैं, बहुत चिंतित कर दिया है.”
13 जून को शुरू हुआ था सैन्य टकराव
हालिया सैन्य टकराव 13 जून को शुरू हुआ, जब इजरायल ने सटीक हमले किए जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य कमांडर मारे गए. ईरानी अधिकारियों का दावा है कि हमलों में 627 लोग मारे गए और 5,000 से ज्यादा घायल हुए. जवाबी कार्रवाई में ईरान की मिसाइल बैराज ने कथित तौर पर पहली बार बड़े पैमाने पर इजरायल की बहुस्तरीय वायु रक्षा को भेद दिया. इजरायल ने अपने पक्ष के 28 लोगों के हताहत होने की पुष्टि की है.
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