
Iran Decision on Hormuz Oil Corridor: इजरायल के साथ जारी जंग के बीच रविवार (22 अप्रैल) को अमेरिका ने भी ईरान पर हमला बोला दिया. अमेरिका के बी-2 बॉम्बर विमानों ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया है. अमेरिका के हमले के बाद अब ईरान की संसद ने एक बड़ा फैसला लिया है.
दरअसल, ईरान की संसद ने अमेरिकी हमले के बाद इंटरनेशनल कॉरिडोर हॉर्मुज को बंद करने का फैसला किया है. ईरान के इस फैसले का प्रभाव दुनिया भर के देशों की इकोनॉमी पर पड़ेगा. इससे दुनियाभर में तेल के दामों भी बढ़ेंगे. इसके लिए कई अन्य चीजों के दामों में भी बढ़ोतरी होगी.
दुनिया में तेल और गैस का 20 प्रतिशत व्यापार हॉर्मुज कॉरिडोर से
पर्शियन सागर और गल्फ ऑफ ओमान के बीच कार्गों जहाजों के लिए हॉर्मिज सबसे छोटा समुद्री रूट है. दुनिया में तेल और गैस का करीब 20 प्रतिशत व्यापार इसी रूट के जरिए ही होता है. ऐसे में अगर यह रूट बंद हो जाता है और कार्गो शिप्स अपना रास्ता बदलकर अपनी मंजिल तक आयात-निर्यात करते हैं तो इससे ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में बढ़ोतरी होगी और रास्ता तय करने में भी अधिक समय लगेगा.
अमेरिका और इजरायल कॉरिडोर को खुला रखने की करेंगे कोशिश
ईरान के इस फैसले का असर दुनियाभर के देशों पर देखने को मिलेगा, क्योंकि इसका असर ग्लोबल इकोनॉमी पर होगा. ऐसे में अमेरिका और इजरायल हर हाल में हॉर्मुज कॉरिडोर को एयर डिफेंस के जरिए खुला रखने की कोशिश करेंगे. वहीं, यूरोपीय देश भी आर्थिक अस्थिरता के अंदेशे से हॉर्मुज कॉरिडोर को खुला रखने के पक्ष में आएंगे और ईरान-इजराइल की जंग अब अरब की खाड़ी में भी लड़ी जाएगी.
ईरान की संसद का हॉर्मुज खाड़ी को बंद करने का फैसला इस लड़ाई का दायरा तो बढ़ाएगा ही, इसे और भीषण भी बनाएगा. दूसरी तरफ, यमन में हूती विद्रोहियों ने भी समुद्र में इजरायल और अमेरिका के कार्गो शिप्स को टारगेट करने की चेतावनी दी है.
ईरानी संसद ने फैसले को दी मंजूरी, सुरक्षा परिषद की सहमति के बाद होगा लागू
हालांकि, ईरान की सरकारी न्यूज चैनल ने रविवार (22 जून) की अपनी रिपोर्ट में कहा कि हॉर्मुज कॉरिडोर को बंद करने के लिए ईरान की संसद ने फैसले को मंजूरी दे दी है. अब यह फैसला ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के पास आखिरी मंजूरी के लिए पहुंचा है. अगर सुरक्षा परिषद इस फैसला पर अपनी सहमति दे देती है तो हॉर्मुज कॉरिडोर को बंद कर दिया जाएगा.
वहीं, ईरान के सांसद और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर इस्माइल कोसारी ने यंग जर्नलिस्ट क्लब से कहा कि कॉरिडोर का बंद का प्रस्ताव हमारे एजेंडे में शामिल है और जब भी जरूरत होगी, इसे लागू कर दिया जाएगा.
भारत पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर, कर लिया है इंतजाम
इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच हॉर्मुज कॉरिडोर के बंद करने के ईरान के फैसले का असर भारत पर ज्यादा असर नहीं करेगा. भारत ने इस संघर्ष से होने वाले संभावित प्रभावों पर पहले ही भांप लिया था और इससे बचने का इंतजाम भी कर लिया है. भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए मिडिल ईस्ट के ऑयल सप्लायर्स की तुलना में अब रूस और अमेरिका से ज्यादा तेल आयात किया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ट्रेड एनालिस्ट फर्म केप्लर (Kpler) के आंकड़ों को देखा जाए तो भारत ने सिर्फ जून महीने में ही रूस और अमेरिका से अपने तेल आयात में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. वहीं, जून में भारत का रूस से तेल आयात दो साल में सबसे ज्यादा हुआ है.
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