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ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता के बाद हुई। ट्रम्प ने मंगलवार सुबह 3:32 बजे 12 दिनों से जारी जंग को लेकर इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर की घोषणा की।
इजराइली मीडिया येरुसलम पोस्ट के मुताबिक ट्रम्प ने सीजफायर के पहले कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी से बात की थी। इसके बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से संपर्क किया।
ट्रम्प ने हमद अल थानी को बताया कि इजराइल सीजफायर के लिए तैयार है, और ईरान को मनाने के लिए मदद मांगी। ईरान-इजराइल के बीच सीजफायर के बाद ट्रम्प ने सोशल मीडिया ट्रुथ पर कतर के अमीर का आभार जताते हुए लिखा, “दुनिया को बधाई, अब शांति का समय है!”

ईरान ने पहले सीजफायर से इनकार किया था
यह बातचीत ईरान के कतर और इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमलों के बाद हुई। हालांकि, ट्रम्प के ऐलान के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने सीजफायर का फैसला खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘इजराइल के साथ अभी कोई अंतिम युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। अगर इजराइल, हमले रोक देता है, तो ईरान भी हमले नहीं करेगा।’
इसके कुछ ही देर बाद इजराइल पर 6 बार बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला हुआ। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक मिसाइल बीर्शेबा शहर में इमारत पर गिरी। मेडिकल टीम ने बताया कि हमले में 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से ज्यादा घायल हैं।
ईरान के इजराइल पर हमले के फुटेज और तस्वीरें देखिए…

इजराइल के बीर्शेबा शहर पर मंगलवार सुबह ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल गिरी।

इजराइली शहर बीर्शेबा में मंगलवार सुबह ईरान की एक बैलिस्टिक मिसाइल गिरी। इसमें कई इमारतें और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।

इजराइली शहर बीर्शेबा में सोमवार सुबह ईरान की एक बैलिस्टिक मिसाइल गिरी। इसमें कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
ईरान का दावा- इजराइल ने सुबह 9 बजे तक हमले किए
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के सेंट्रल हेडक्वार्टर ने दावा किया है कि इजराइल ने भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे (ईरान के सुबह 9 बजे) तक ईरान में हमले किए। ईरानी सरकारी टेलीविजन ने एक बयान के हवाले से यह जानकारी दी।
हालांकि, सुबह 6 बजे के बाद ईरान में इजराइली हमलों की कोई घटना नहीं हुई थी। ट्रम्प की तरफ से तय समय के मुताबिक, ईरान को सबसे पहले सुबह 9:30 बजे से सीजफायर का पालन करना था। इसके 12 घंटे बाद इजराइल के लिए सीजफायर मानने का समय तय था।

ईरान ने कल रात कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागी थीं
ट्रम्प की तरफ से सीजफायर के ऐलान से कुछ घंटे पहले ही ईरान ने कतर में अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर 19 मिसाइलें दागीं थीं। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि ईरान ने हमले से पहले ही इसके बारे में अलर्ट जारी कर दिया था।
दूसरी ओर, ईरान ने कहा है कि उसने सोमवार रात कतर में अमेरिका के एयर मिलिट्री बेस पर सेल्फ डिफेंस में हमला किया था। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, ‘कतर में अमेरिकी बेस अल-उदीद पर मिसाइल हमले ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में किए गए।’
कतर के PM ने अल-उदीद पर ईरानी हमले की आलोचना की, कहा- हम हैरान
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने सोमवार रात अल-उदीद एयरबेस पर ईरान के मिसाइल हमले की फिर से आलोचना की है। दोहा में लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए शेख मोहम्मद ने कहा, ‘हम ईरान के हमले से हैरान हैं, क्योंकि कतर से उसके दोस्ताना रिश्ते हैं।
कतर के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कतर पर हमला एक अस्वीकार्य कदम है, खासकर तब जब कतर तनाव को कम करने के लिए महान कूटनीतिक प्रयास कर रहा है।’ प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद ने कहा कि कतर ने अल-उदीद पर ईरानी हमले का जवाब देने पर विचार किया है, लेकिन हम हमेशा तर्क और विवेक के साथ काम करते हैं।

इजराइली सेना बोली- सीजफायर तोड़ा तो करारा जवाब देंगे
इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर लागू होने के बाद इजराइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डैफ्रिन ने कहा है, “इस जंग के लिए जो भी मकसद तय किए गए थे, हमने उन्हें पूरी तरह से हासिल कर लिया है।”
उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने आदेश दिया है कि इजराइली सेना पूरी तरह सतर्क रहे और अगर सीजफायर का कोई उल्लंघन होता है तो उसका कड़ा जवाब देने के लिए तैयार रहे।
जानिए ईरान-इजराइल जंग क्यों शुरू हुआ …
- 1979- ईरानी इस्लामी क्रांति के बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ने लग गए। पहले दोनों के अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब ईरान इजराइल को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, और इजराइल ईरान के परमाणु प्रोग्राम से चिंतित है।
- ईरान ने हिजबुल्लाह (लेबनान) और हमास (फिलिस्तीन) जैसे समूहों को समर्थन दिया, जबकि इजराइल ने सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हमले किए और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की।
- अप्रैल 2024- इजराइल ने ईरानी दूतावास पर हमला किया, जिसमें वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए। जवाब में ईरान ने 13 अप्रैल 2024 को इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।
- जून 2025- में इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और रिवोल्यूशनरी गार्ड मुख्यालय पर हमले किए। जवाब में ईरान ने इजराइल और कतर में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें दागीं।
- ईरान फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन कर अरब समर्थन चाहता है, जबकि इजराइल ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता का स्रोत मानता है।
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