
DRDO CQB Carbine Gun for Indian Army: क्लोज बैटल के लिए भारतीय सेना को जल्द स्वदेशी कार्बाइन मिलने जा रही है. डीआरडीओ की ओर से तैयार इस कार्बाइन का उत्पादन प्राईवेट कंपनी भारत फोर्ज करेगी. भारतीय सेना को करीब 4.25 लाख कार्बाइन की जरूरत है.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में जुटा भारत
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाते हुए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने एक शानदार कार्बाइन बनाई है. यह कार्बाइन हल्की होने के साथ-साथ कॉम्पैक्ट और बेहद ही सशक्त है. इसका नजदीकी लड़ाई में कोई तोड़ नहीं है.
DRDO और भारत फोर्ज को भारतीय सेना से मिला 2000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट
डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिटेड की ओर से बनाया गया कार्बाइन का डिजाइन, भारतीय सेना को सबसे ज्यादा पसंद आया है. इस कार्बाइन बंदूक को पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट ने डिजाइन करने में अहम भूमिका निभाई है. भारतीय सेना से डीआरडीओ और भारत फोर्ज को क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB) कार्बाइन के लिए 2,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिला.
DRDO ने एक्स पर शेयर की जानकारी
DRDO ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में कहा, ”5.56×45 मिमी CQB कार्बाइन, जिसे आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE), DRDO की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है और भारत फोर्ज लिमिटेड की ओर से निर्मित, भारतीय सेना के आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में एल1 के रूप में चुना गया है.”
डीआरडीओ के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए जो टेंडर निकाला था, उसमें भारत फोर्ज एल-1 यानी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी है. ऐसे में माना जा रहा है कि 2,000 करोड़ का यह टेंडर भारत फोर्ज को ही मिलेगा. इन सीबीक्यू कार्बाइन की रेंज करीब 200 मीटर है.
भारतीय सेना के लिए बेहद असरदार साबित होगी CQB कार्बाइन
डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिटेड ने इस सीक्यूबी यानी क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन खासतौर से नजदीकी लड़ाई के लिए बनाई है. मसलन युद्ध के क्षेत्र में या फिर आतंकियों के एनकाउंटर के वक्त जब दुश्मन के साथ आमने-सामने की लड़ाई हो रही हो, तो ये कार्बाइन भारतीय सेना के लिए बेहद असरदार रहेगी.
ये हल्की होने के साथ-साथ तेज और छोटी है. इसका वजन सिर्फ 3 किलो के आसपास है, तो सैनिक इसे लंबे समय तक आसानी से ले जा सकते हैं. इसकी विशेषता की बात की जाए तो यह कार्बाइन कॉम्पैक्ट और अत्यधिक प्रभावी है, जो इसे विशेष बलों और आतंकवाद विरोधी इकाइयों के लिए एक आदर्श हथियार बनेगी.
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