
<p style="text-align: justify;">ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ देकर भारत के लिए जो रवैया अपनाया है, उसके बाद भारत तुर्किए की लगाम कसने में लगा है. उसके पड़ोसियों और कट्टर दुश्मनों ग्रीस और साइप्रस से नजदीकियां बढ़ा रहा, लेकिन ट्रेड को लेकर सरकार ने बेहद नरम रुख अपनाया हुआ है. इसकी वजह ये है कि जितना सामान भारत तुर्किए से खरीदता है, उससे ज्यादा का उसको बेचता है. इस तरह भारत को हर साल 2.73 बिलियन डॉलर का फायदा होता है.</p>
<p style="text-align: justify;">जब टर्किश राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने न सिर्फ पाकिस्तान के हक में बयान दिए, बल्कि ड्रोन्स भी भेज दिए तो हर भारतीय में इतना गुस्सा था कि टूरिज्म से लेकर व्यापार तक तुर्किए के साथ सबकुछ बंद करने की मांग उठने लगी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों तुर्किए के साथ ट्रेड पर बैन नहीं लगा रहा भारत?</strong><br />द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि सरकार को कई आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें तुर्किए के सामान के इंपोर्ट पर बैन लगाने की मांग की गई. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों और उदयपुर के मार्बल विक्रेताओं ने तुर्किए से सामान इंपोर्ट करने पर रोक लगाने की मांग की है, लेकिन भारत का तुर्किए के साथ ट्रेड सरप्लस है यानी जितना सामान तुर्किए से भारत खरीदता है, उससे ज्यादा का उसको बेचता है.</p>
<p style="text-align: justify;">अधिकारी ने कहा कि अगर तुर्किए के साथ ट्रेड को बैन कर दिया गया तो यह एक मजबूत भू-राजनीतिक संदेश होगा, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप इसको कितनी दूर तक ले जाना चाहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>तुर्किए से भारत और भारत से तुर्किए क्या-क्या खरीदता है?</strong><br />तुर्किए के साथ व्यापार जारी रखने की एक और वजह ये भी है कि ट्रेड सरप्लस में इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट शामिल है. जैसे इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑर्गेनिक-इनोर्गेनिक केमिकल्स, जिसका एक्सपोर्ट पांच सालों में काफी बढ़ा है. वहीं, तुर्किए की बात करें तो भारत उससे मुख्यरूप से फल, मेवा, सोना और मार्बल इंपोर्ट करता है. हालांकि, <a title="ऑपरेशन सिंदूर" href="https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor" data-type="interlinkingkeywords">ऑपरेशन सिंदूर</a> के दौरान पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्किए से नाराज सेब उपभोक्ताओं और उदयपुर के मार्बल विक्रेताओं ने तुर्किए से इंपोर्ट पर बैन की मांग की थी.</p>
<p style="text-align: justify;">इस सिलसिले में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी भी लिखी थी. पिछले कुछ सालों में तुर्किए ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का भी इंपोर्ट बढ़ा दिया था, लेकिन वित्त वर्ष 2025 में इसमें गिरावट देखी गई. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पिछले साल भारत और तुर्किए ने कितने का किया था व्यापार?</strong><br />आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल तुर्किए ने भारत को 2.99 बिलियन डॉलर का सामान इंपोर्ट किया था, जिसमें से 107.12 मिलियन डॉलर के फल और मेवा खरीदे गए. वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2025 में 270.83 मिलियन डॉलर का सोना खरीदा था, जो 2024 से ज्यादा था. 2024 में 104.56 मिलियन डॉलर का गोल्ड तुर्किए से भारत आया था.</p>
<p style="text-align: justify;">भारत की बात करें तो तुर्किए को वित्त वर्ष 2025 में 5.72 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया, जिसमें से 50 फीसदी यानी 3 बिलियन डॉलर इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट था. 35-40 पर्सेंट में माइक्रो, स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) एक्सपोर्ट था. इस हिसाब से भारत ने तुर्किए के मुकाबले 2.73 बिलियन डॉलर का ज्यादा सामान बेचा है.</p>
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