
India’s Forex Reserves: देश के मुद्रा भंडार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. छह जून 2025 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान विदेश मुद्रा भंडार यानी फॉरेक्स रिजर्व में 5.17 बिलियन डॉलर की जबरदस्त उछाल देखने को मिली है और ये 696.65 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. हालांकि, हफ्ते भर पहले यानी 30 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.24 बिलियन डॉलर की कमी देखने को मिली थी और ये घटकर 691.485 डॉलर रह गया था. विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर 2024 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 704.885 बिलियन डॉलर के साथ रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर था.
बढ़ा गोल्ड रिजर्व
आरबीआई के मुताबिक, छह जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान गोल्ड रिजर्व यानी सोने के भंडार में भी 1.583 बिलियन की शानदार बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद गोल्ड का भंडार 85.888 बिलियन डॉलर हो गया था. जबकि, 30 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान गोल्ड रिजर्व में 723 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी.
केन्द्रीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा एसेट छह जून को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान 3.47 बिलियन डॉलर बढ़कर 587.68 बिलियन डॉलर हो गया है. इनमें पाउंड, यूरो, यैन जैसी गैर अमेरिकी मुद्राएं शामिल है.
इसके साथ ही, बीते हफ्ते यानी छह जून को समाप्त हफ्ते के में फॉरेन करेंसी एसेट यानी विदेशी मुद्रा आस्तियों में 3.47 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. इस बढ़ोतरी के बाद एफसीए अब बढ़कर 587.68 अरब डॉलर का हो चुका है. एफसीए का सबसे ज्यादा हिस्सा विदेशी मुद्रा भंडार में होता है.
गौरतलब है कि इस तरह की बढ़ोतरी किसी भी देश के लिए पॉजिटिव संकेत होता है. ये भंडार किसी देश की आर्थिक ताकत को मापने का एक महत्वपूर्ण पैमाना भी होता है, जो विदेशी कर्ज चुकाने, आयात खर्च और मुद्रा स्थिरता को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है.
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