
ब्रिगेडियर क्या होता है?
ब्रिगेडियर, इंडियन आर्मी में एक वन-स्टार रैंक होता है, जो कर्नल से ऊपर और मेजर जनरल से नीचे होता है. यह पद बहुत ही जिम्मेदारी वाला होता है, क्योंकि ब्रिगेडियर एक ब्रिगेड (आमतौर पर 3000 से 5000 सैनिकों वाली यूनिट) की कमान संभालता है. यह रैंक गजटेड ऑफिसर की श्रेणी में आती है.
कैसे बनते हैं ब्रिगेडियर?
ब्रिगेडियर बनने के लिए सबसे पहले आपको इंडियन आर्मी में ऑफिसर के रूप में भर्ती होना होता है.
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) – 12वीं के बाद यह सबसे लोकप्रिय विकल्प है. यहां से पास होने के बाद कैडेट को ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट की रैंक मिलती है.
- संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS) – ग्रेजुएशन के बाद CDS के जरिए इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA), ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) जैसे संस्थानों में जाकर ऑफिसर ट्रेनिंग ली जा सकती है.
- टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES)/ इंजीनियरिंग कोर्स – टेक्निकल ग्रेजुएट्स के लिए भी सेना में ऑफिसर बनने का मौका होता है. एक बार लेफ्टिनेंट बनने के बाद ऑफिसर का प्रमोशन अनुभव, सेवा रिकॉर्ड और बोर्ड द्वारा तय की गई योग्यता के आधार पर होता है.
ब्रिगेडियर बनने के लिए चयन बोर्ड द्वारा अधिकारी की नेतृत्व क्षमता, ट्रेनिंग, अनुभव और प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है.
- लेफ्टिनेंट
- कैप्टन (2 साल बाद)
- मेजर (6 साल बाद)
- लेफ्टिनेंट कर्नल (13 साल बाद)
- कर्नल (15-17 साल बाद, चयन आधारित)
- ब्रिगेडियर (20-22 साल की सेवा के बाद, बहुत सीमित और चयन आधारित)
ब्रिगेडियर को कितनी सैलरी मिलती है?
पे लेवल: 13A
बेसिक पे: 1,39,600 – 2,17,600 प्रतिमाह
अन्य भत्ते: HRA, DA, किट अलाउंस, मिलिट्री सर्विस पे, अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस आदि
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