
फिल्म जॉली एलएलबी-3 के खिलाफ अजमेर में दायर केस को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस अशोक जैन की अदालत ने आदेश देते हुए कहा- कोई भी दावा आशंकाओं पर नहीं चल सकता है। फिल्म अभी निर्माणाधीन हैं, ऐसे में यह कहना कि फिल्म में जज और वकीलों की छवि धूमिल
कोर्ट ने कहा- सिनेमैटोग्राफी एक्ट-1952 के तहत रिलीज से पहले फिल्म का कंटेंट सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। फिल्म के किसी दृश्य को लेकर अगर आपत्ति है तो इसके खिलाफ सेंसर बोर्ड में शिकायत और अपील का प्रावधान है।
दरअसल, अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभान राठौड़ ने फिल्म के खिलाफ केस दायर किया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म से जज और वकीलों की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व में भी इस फिल्म के दो पार्ट में न्यायपालिका की छवि धूमिल की गई थी। ऐसे में फिल्म की शूटिंग पर रोक लगाई जाए।
इसके खिलाफ अभिनेता अक्षय कुमार, अरशद वारसी और फिल्म के डायरेक्टर सुभाष कपूर ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की थी।
अक्षय कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट आरके अग्रवाल और उनकी टीम ने पैरवी की।
सेंसर बोर्ड से पहले कोर्ट को जांच का अधिकार नहीं हाईकोर्ट में अक्षय कुमार और अन्य की ओर से बहस करते हुए सीनियर एडवोकेट आरके अग्रवाल ने कहा- फिल्म के दृश्यों की जांच करने का अधिकार सेंसर बोर्ड को है। अगर सेंसर बोर्ड से प्रमाणित फिल्म पर किसी को आपत्ति है तो सिनेमैटोग्राफी एक्ट में रिवीजन और अपील का प्रावधान है।
उन्होंने कहा- केवल आंशका मात्र से किसी फिल्म की शूटिंग रोकना और उसकी जांच कोर्ट द्वारा किया जाना ठीक नहीं है। ऐसे में अजमेर कोर्ट में दायर दावे को खारिज किया जाए।
वहीं, बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि हम न्यायपालिका की गरिमा की बात कर रहे हैं। इस फिल्म के पिछले 2 पार्ट में न्यायपालिका की छवि को धूमिल किया गया था। इसलिए हमारी मांग है कि जज और वकीलों की कमेटी गठित करके इस फिल्म के दृश्यों और अन्य जानकारी उन्हें दी जाए।

अजमेर में फिल्म की शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार।
अजमेर डीआरएम ऑफिस में हुई थी शूटिंग मामले से जुड़े वकील अधिराज मोदी और आदित्य चौधरी ने बताया- फिल्म की शूटिंग 25 अप्रैल से 10 मई 2024 तक अजमेर डीआरएम ऑफिस में हुई थी। दावे में सरकारी भवन में शूटिंग होने को भी गलत ठहराया गया था। लेकिन फिल्म निर्माताओं की ओर से कहा गया था कि हमने फिल्म शूटिंग के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए मंजूरी ली है। इसके बदले रेलवे को करीब 25 लाख रुपए का भुगतान भी किया है।
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