
Genes for Children disabilities: कुछ बच्चों में जन्जात विकार पाया जाता है. इसमें बच्चों का बौद्धिक विकास अवरुद्ध हो जाता है. अब वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का कारण तलाश लिया है.

Genes for Children disabilities: आपने गौर किया होगा कि कुछ बच्चों में जन्मजात बौद्धिक विकृति होती है. इसके लिए दिमाग की कई बीमारियां जिम्मेदार होती है. कुछ बच्चों में जन्म से पहले और बाद में माइक्रोसेफली नाम की बीमारी हो जाती है जिसके कारण सिर का आकार छोटा हो जाता है. वहीं कुछ बच्चे पोंटोसेरेबेलर हाइपोप्लासिया-Pontocerebellar hypoplasia बीमारी से पीड़ित होते हैं. इसमें ब्रेन स्टैम और सेरेबेलम का विकास नहीं हो पाता है जिसके कारण बच्चे का बौद्धिक विकास रुक जाता है. कई बच्चों में सब कुछ ठीक रहता लेकिन बौद्धिक अक्षमता देखी जाती है. अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इन बीमारियों के लिए जो जीन जिम्मेदार था, उसकी खोज कर ली गई है. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि इन विकृति के लिए सीआरएनकेएल1 नामक जीन जिम्मेदार है. वैज्ञानिकों के इस खोज से भविष्य में जीन थेरेपी के द्वारा इन बीमारियों को सही करने की उम्मीद जगी है.
न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने इस खोज को अंजाम दिया है. उन्होंने बच्चों में मस्तिष्क के विकास से जुड़े एक दुर्लभ डिसऑर्डर की नई जेनेटिक वजह खोज निकाली है. यह डिसऑर्डर बच्चों के मस्तिष्क के विकास और कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. शोध में पाया गया कि सीआरएनकेएल1 नामक जीन में आए खास तरह के बदलाव गंभीर डिसऑर्डर का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों में जन्म से पहले और बाद में माइक्रोसेफली, पोंटोसेरेबेलर हाइपोप्लासिया और गंभीर बौद्धिक अक्षमता देखी जाती है. यह खोज मस्तिष्क के निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी जेनेटिक निर्देशों की जटिल प्रक्रिया को समझने में नई रोशनी डालती है.
मस्तिष्क के विकास पर नई रोशनी
ओटागो के बायोकेमिस्ट्री विभाग में रेयर डिसऑर्डर जेनेटिक्स लैबोरेटरी की एसोसिएट प्रोफेसर लुईस बिकनेल ने बताया, हमारा शरीर डीएनए से जेनेटिक निर्देशों को पढ़ने और प्रोसेस करने के लिए स्प्लिसिंग नामक एक सटीक प्रक्रिया पर निर्भर करता है. यह प्रक्रिया शरीर के लिए जरूरी बिल्डिंग ब्लॉक्स बनाती है. जब इस स्प्लिसिंग में गड़बड़ी होती है तो कई जेनेटिक डिसऑर्डर का कारण बन जाती है. नई खोज में मस्तिष्क के विकास पर इसके गंभीर प्रभाव को दिखाती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स में प्रकाशित इस शोध में 10 परिवारों का अध्ययन किया गया, जिनमें से नौ में सीआरएनकेएल1 जीन के एक ही स्थान पर जेनेटिक बदलाव पाए गए. सभी प्रभावित बच्चों में समान गंभीर लक्षण थे, जो इन जेनेटिक बदलावों और डिसऑर्डर के बीच मजबूत संबंध को दिखाते हैं.
शोध की मुख्य लेखिका और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता डॉ. संकालिता रे दास ने बताया, यह शोध दिखाता है कि सीआरएनकेएल1 जीन स्वस्थ मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण है. यह खोज न केवल गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार की नई जेनेटिक वजह बताती है बल्कि यह भी समझने में मदद करती है कि हमारे जीन मस्तिष्क के विकास को कैसे नियंत्रित करते हैं. उन्होंने कहा कि यह खोज प्रभावित परिवारों को उनके बच्चों की स्थिति के बारे में स्पष्टता प्रदान करती है और भविष्य में यह समझने के लिए बेस तैयार करती है कि ये जेनेटिक बदलाव केवल मस्तिष्क को ही क्यों प्रभावित करते हैं. यह शोध दुर्लभ मस्तिष्क विकारों के इलाज और रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस खोज से भविष्य में ऐसे बच्चों के इलाज का रास्ता खुल सकता है. इनपुट -आईएएनएस
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