
आयुर्वेदिक मान्यता और वैज्ञानिक पुष्टि
आयुर्वेद में कांकड़ोल के औषधीय गुणों का विशेष उल्लेख मिलता है. इसका प्रयोग न केवल सांप के काटने पर बल्कि कई और विषैले जंतुओं के जहर को कम करने में भी किया जाता रहा है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट में भी इसे विष नाशक गुणों से भरपूर बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, इस पौधे की ताजी पत्तियों या जड़ों का लेप जहर को निष्क्रिय करने में प्रभावी होता है.
इसके अलावा डाक्टरों द्वारा की गई एक रिसर्च में यह पाया गया कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में कांकड़ोल का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. इस पौधे में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के भीतर जहर के प्रभाव को कम कर उसे बाहर निकालने में सहायता करते हैं. यही वजह है कि इसे प्राकृतिक एंटीवेनम (जहर को निष्क्रिय करने वाला) भी कहा जाता है.
कई प्राचीन वैद्य मानते हैं कि कांकड़ोल की पत्तियां सांप के जहर पर बेहद तेज असर करती हैं. यदि सही समय पर इसका प्रयोग किया जाए तो यह जहर को मात्र 5 मिनट में निष्क्रिय करने में मदद कर सकता है. लेकिन ध्यान देने वाली सबसे अहम बात यह है कि यह सिर्फ एक प्राथमिक सहायता है.इसे कभी भी अस्पताल में मिलने वाले एंटीवेनम का विकल्प नहीं माना जा सकता. सांप के काटने पर सबसे पहला और जरूरी कदम हमेशा यही होना चाहिए कि बिना समय गंवाए नजदीकी अस्पताल जाएं. डॉक्टरों के पास उपलब्ध एंटीवेनम इंजेक्शन ही जहर का सम्पूर्ण और सुरक्षित इलाज है. कांकड़ोल जैसे पौधे केवल तब तक मदद कर सकते हैं जब तक पीड़ित अस्पताल न पहुंचे.
किन क्षेत्रों में है ज्यादा उपयोगी?
ग्रामीण इलाकों, जंगलों के पास बसे गांवों, नदी-नालों और खेतों में काम करने वाले लोग अकसर सांपों के खतरे से जूझते हैं. ऐसे में अगर लोगों को कांकड़ोल जैसे पौधों की जानकारी हो तो वे प्राथमिक स्तर पर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं. खासकर मानसून के मौसम में जब सांपों का खतरा और बढ़ जाता है, तब इस तरह की घरेलू जानकारी जीवनरक्षक साबित हो सकती है.
अगर आप कभी ऐसी स्थिति में हों जहां सांप ने काट लिया हो और अस्पताल दूर हो, तो ताजी कांकड़ोल की पत्तियां लें. इन्हें अच्छे से पीसकर जख्म पर लगाएं. साथ ही थोड़ा सा रस भी पिया जा सकता है. इससे जहर का फैलाव धीमा हो सकता है. लेकिन यह उपाय केवल अस्पताल पहुंचने तक का समय देने के लिए है, अंतिम इलाज नहीं.
सावधानी सबसे जरूरी
अक्सर लोग घर के बड़े-बुजुर्गों की बातों में आकर सिर्फ घरेलू उपचार पर ही निर्भर हो जाते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है. याद रखें, किसी भी विषैले सांप के काटने पर सबसे जरूरी है कि मेडिकल सहायता ली जाए. घरेलू उपाय केवल कुछ ही मिनटों तक के लिए सहायक हो सकते हैं.
निष्कर्ष
प्रकृति ने हमें कई अद्भुत औषधीय पौधे दिए हैं, लेकिन उनकी सीमा भी है. कांकड़ोल की पत्तियां सांप के जहर पर प्रारंभिक राहत जरूर देती हैं, पर पूरी तरह सुरक्षित इलाज डॉक्टर ही दे सकते हैं. इसलिए यदि आप जंगल, खेत या ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां सांपों का खतरा बना रहता है, तो इस पौधे की जानकारी रखना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अंतिम भरोसा हमेशा चिकित्सकीय उपचार पर ही होना चाहिए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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