
शिलाजीत हिमालय की चट्टानों से निकलता है और आयुर्वेद में इसका खास महत्व है. यह कमजोरी, डायबिटीज, प्रजनन क्षमता बढ़ाने और एनर्जी देने में कारगर है. साल में तीन माह इसका सेवन लाभकारी है.
- शिलाजीत कमजोरी, डायबिटीज और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में कारगर है
- शिलाजीत का सेवन साल में तीन माह करना लाभकारी है
- शिलाजीत बाजार में 5 रुपये से 30 रुपये तक में उपलब्ध है
दरभंगा: आयुर्वेद में शिलाजीत का खास महत्व है. यह हिमालय के चट्टानों से निकलता है. कई बीमारियों में काफी कारगर साबित हुआ है. इसमें कमजोरी को खत्म करने के गुण होते हैं. यह शरीर में खून का संचार भी ठीक करता है और नशों में ताकत भरता है. दरभंगा स्थित आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर शंभू शरण बताते हैं कि शिलाजीत का उपयोग ऋषि मुनि करते थे और यह कई समस्याओं का समाधान कर सकता है.
शिलाजीत के कई फायदे हैं. पेशाब से संबंधित समस्याओं में इसका बहुत ही अच्छा रिजल्ट है. यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी काफी कारगर है. प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. आयु बढ़ाने और एनर्जेटिक महसूस करने में भी यह मददगार है. इससे शरीर को काफी ताकत मिलती है.
शिलाजीत का सेवन
शिलाजीत का सेवन साल में दो से तीन महीने तक लगातार करना चाहिए. नवंबर, दिसंबर और जनवरी में इसका सेवन करना सबसे अच्छा होता है. यह समय इसके सेवन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसके सेवन से आपको अंदर से पूरी एनर्जी मिलेगी .
शिलाजीत की उपलब्धता
बाजार में शिलाजीत का कैप्सूल और लिक्विड फॉर्म आसानी से उपलब्ध है. इसकी कीमत भी बहुत कम है. आप इसे 5 रुपये से लेकर 30 रुपये तक में खरीद सकते हैं. शिलाजीत एक ऐसी चीज है जो कई बीमारियों में कारगर साबित होती है. इसका सेवन करने से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है. आयुर्वेद में शिलाजीत का उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है और यह एक प्रभावी दवा है.
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