
सेंधा नमक खाने के होते हैं कोई फायदे होता है स्वास्थ्य लाभ।
- सेंधा नमक पाचन को बेहतर करता है और भूख बढ़ाता है.
- यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है.
- जोड़ों के दर्द और गले की खराश में सेंधा नमक उपयोगी है.
आयुर्वेद में सेंधा नमक का स्थान, औषधि से कम नहीं
डॉ. प्रज्ञा सक्सेना, आयुर्वेद चिकित्सक, बताती हैं कि सेंधा नमक को आयुर्वेद में “दीपन-पाचन” औषधियों की श्रेणी में रखा गया है. यह न सिर्फ पाचन को बेहतर करता है बल्कि भूख भी बढ़ाता है. इसके सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्त्राव संतुलित होता है जिससे गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
सेंधा नमक मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे वजन नियंत्रण में रहता है. इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मज़बूत बनाता है. वात और पित्त दोष को संतुलित कर यह शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है.
जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों की जकड़न में राहत
जो लोग जोड़ों के दर्द या मांसपेशियों की ऐंठन से परेशान हैं, उनके लिए सेंधा नमक बेहद उपयोगी है. आयुर्वेद में कई सेक विधियों में इसका प्रयोग किया जाता है. सेंधा नमक से की गई सिकाई सूजन कम करने और दर्द से राहत देने में कारगर मानी जाती है.
डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर गरारे करने से गले की खराश, टॉन्सिल और अन्य श्वसन संक्रमण में राहत मिलती है. इसकी प्राकृतिक सूजन-रोधी गुण गले को आराम देने के साथ-साथ संक्रमण को भी कम करते हैं.
सावधानी भी ज़रूरी, सीमित मात्रा में करें सेवन
हालांकि सेंधा नमक स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन आयुर्वेद विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इसका अधिक उपयोग न करें. टेबल सॉल्ट को पूरी तरह से बदलना सही नहीं है. सेंधा नमक का संतुलित उपयोग ही आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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