
Summer Health Tips: गर्मी से लेकर मॉनसून सीजन तक तमाम बीमारियां लोगों को परेशान करती हैं. ऐसे में ये एक अकेला पेड़ तमाम मौसमी बीमारियों के इलाज मे सक्षम है.
- बेल का पेड़ औषधीय और धार्मिक महत्व रखता है
- बेल का फल विटामिन-सी, पोटैशियम, कैल्शियम से भरपूर
- बेल का शरबत गर्मियों में पेट को ठंडक देता है
Health Tips: आयुर्वेद में कुछ पेड़-पौधों को औषधीय और पूजनीय माना गया है. इनमें से एक है बेल का पेड़. खंडवा और आसपास के जंगलों में यह बेल बहुतायत में पाया जाता है. बेल का पेड़ न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके फल, पत्ते, बीज, जड़ और फूल इंसानी सेहत के लिए वरदान हैं. धार्मिक मान्यता में बेल पत्तों का जिक्र आता है. सबसे पहले भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल होता है. पुराणों के अनुसार, शिवजी को बेलपत्र अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शिव महापुराण में भी बेलपत्र की महिमा बताई गई है.
आयुर्वेद में बेल को औषधीय पौधा माना गया है. इसकी हर चीज उपयोगी है, जैसे पत्ते, फल, बीज, जड़ और फूल. बेल का फल गूदेदार और सख्त होता है. जब यह पकता है तो पीले रंग का हो जाता है. बेल के फल का सेवन करने से शरीर को कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है.
बेल खाने के स्वास्थ्य लाभ
- बेल का फल विटामिन-सी, पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है. इसका नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है.
- बेल का शरबत गर्मियों में बहुत उपयोगी होता है. यह पेट को ठंडक देता है. पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी और अल्सर में फायदेमंद होता है. आयुर्वेद में इसे पेट के लिए सर्वोत्तम औषधि माना गया है.
- बेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. जिससे वायरल इंफेक्शन, फ्लू और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां दूर रहती हैं.
- बेल के पत्तों का रस डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है. यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक है.
- बेल के फल में ऐसे तत्व होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं. हृदय को मजबूत बनाते हैं.
- बेल का सेवन शरीर में मौजूद विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है, जिससे त्वचा पर निखार आता है. पिंपल जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
- गर्मियों में बेल का शरबत पीने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू लगने का खतरा कम हो जाता है. ग्रामीण इलाकों में लोग बेल का शरबत गर्मी की सबसे बड़ी दवा मानते हैं.
बेल के बीज भी पाचन में मदद करते हैं. वहीं इसकी जड़ का काढ़ा कई तरह के बुखार, संक्रमण और जोड़ों के दर्द में आराम देता है. आयुर्वेद में इसकी जड़ों से बनी दवाइयां शरीर की कमजोरी दूर करने में सहायक मानी जाती हैं.
जंगलों में भी होता है बेल का पेड़
खंडवा और आसपास के कई गांवों के जंगलों में बेल के पेड़ प्राकृतिक रूप से उगते हैं. ग्रामीण लोग इसे घरेलू औषधि के रूप में पीढ़ियों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं. विशेष रूप से आदिवासी इलाकों में बेल का उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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