
डॉक्टर अमित वर्मा ने लोकल 18 से कहा कि वैसे बरगद एक औषधीय पेड़ है इसको वट बड़ के नाम से भी जाना जाता है इसके फल पत्ते छाल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें में बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं. प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड, और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं

वैसे बरगद का पेड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इसका विशेष स्थान है. इस पेड़ का हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर है बरगद के तने, पत्तियों और फलों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है. इसके फलों में खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एनाल्जेसिक गुण कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं. भारत के कई क्षेत्रों में बरगद को पवित्र मानकर इसकी पूजा की जाती है.आयुर्वेद के अनुसार, इस पेड़ में मौजूद पोषक तत्व मानव शरीर के लिए लाभदायक हैं. यह प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

जिला अस्पताल बाराबंकी के चिकित्सक डॉक्टर अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन )ने लोकल 18 से कहा कि वैसे बरगद एक औषधीय पेड़ है इसको वट बड़ के नाम से भी जाना जाता है इसके फल पत्ते छाल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें में बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं. प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी-माइक्रोबियल ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड, और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमें कई बीमारियों से बचाते है.

खूनी बवासीर की समस्या में फायदेमंद बरगद के 25 ग्राम कोमल पत्तों को 200 मिलीग्राम पानी में घोंटकर पिलाने से 2-3 दिन में ही खून बहना बन्द हो जाता है. इसके पीले पत्तों की भस्म को बराबर मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लेप करते रहने से तुरंत लाभ होता है.

चेहरे के दाग धब्बों में फायदेमंद वट वृक्ष के 5-6 कोमल पत्तों के साथ इसकी जटा को 10-20 ग्राम मसूर के साथ पीसकर लेप तैयार कर लें. इससे चेहरे पर लगाने से उभरने वाले मुंहासे और झांई दूर हो जाते हैं.

डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद 20 ग्राम बरगद के फल का चूर्ण को आधा लीटर पानी में पकाएं. जब इसका आठवां भाग बच जाए तो उतार कर ठंडा होने पर छान कर सेवन कराएं. ऐसा 1 महीने तक सुबह और शाम सेवन करने से डायबिटीज में लाभ होता है.

खांसी जुकाम की समस्या में लाभदायक वट वृक्ष के कोमल लाल रंग के पत्तों को छाया में सुखाकर कूट लें. एक या डेढ़ चम्मच चूर्ण को आधा लीटर पानी में पकाएं. जब यह एक चौथाई रह जाए तो इसमें 3 चम्मच चीनी मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें. इसे सुबह-शाम चाय की तरह पीने से जुकाम व नजला दूर होकर मस्तिष्क की दुर्बलता भी नष्ट होती है.

डायरिया की समस्या में बरगद के फलों को लेकर उन्हें छाया में सुखा लें. सूख जाने के बाद इनका चूर्ण बनाकर तैयार कर लें. अब बरगद के फलों के चूर्ण को पानी या दूध में मिलकर भोजन के बाद इसका सेवन करें. ऐसा करने से आपको डायरिया की समस्या में फायदा मिलेगा.
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