
Mulethi Health Benefits: मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है और इसका उपयोग कई बीरारियों को दूर करने में किया जाता है. मुलेठी गले की खराश, खांसी, सर्दी, पाचन समस्याओं और त्वचा रोगों में लाभकारी होती है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, तनाव कम करती है और लिवर को डिटॉक्स करती है. इसे घर पर लगाना आसान है और यह हल्की, जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छा उगता है. आयुर्वेद में इसका उपयोग कई तरह की दवाई बनाने में भी किया जाता है.

प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जो किसी जड़ी बूटी से काम नहीं है. सामान्य सा दिखने वाले यह पौधा शरीर में होने वाली गंभीर से गंभीर बीमारियों को भगा देते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताएंगे. इस पौधे का नाम है मुलेठी. इसका उपयोग प्राचीन काल से भारतीय आयुर्वेद पद्धति में होता आ रहा है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि मुलेठी सामान्य रूप से पाया जाने वाला पौधा है. इसके सेवन से स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं. मुलेठी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह गले की खराश, खांसी और सर्दी में आराम देती है. इसके सेवन से गले की सूजन कम होती है और कफ दूर होता है.

आयुर्वेदिक चिकिस्तक डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा इसका सेवन मानसिक तनाव को कम करने में सहायक माना जाता है. यह तनाव को कम कर मन को शांत करने में मदद कर सकती है.

डॉक्टर ने बताया कि मुलेठी फेफड़ों में जमा बलगम को निकालने में सहायक होती है और अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं में राहत प्रदान करती है. त्वचा की समस्याओं जैसे एक्जिमा, सोरायसिस, और मुंहासों में भी उपयोगी होती है. इसका त्वचा पर एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है.

इसके अलावा इसका सेवन लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है और लिवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं. मुलेठी के पौधे को घर पर लगाना भी बेहद आसान है.

मुलेठी का पौधा घर में लगाना आसान है, और इसे लगाने से आप इसके औषधीय गुणों का लाभ घर पर ही उठा सकते हैं. मुलेठी को ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए, जहां इसे धूप अच्छी मात्रा में मिले, लेकिन बहुत अधिक गर्मी और सीधी धूप से बचाना भी जरूरी है.

मुलेठी का पौधे के लिए आंशिक छायादार जगह बेहतर रहता है. मुलेठी का पौधा हल्की, अच्छे जल निकास वाली और उर्वरक मिट्टी में जल्दी बढ़ता है. मिट्टी में थोड़ी बालू मिलाने से पानी का निकास अच्छा होता है, जिससे पौधे की जड़ें स्वस्थ रहती है.

इसके उपयोग से अनेकों आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती है. मुख्य रूप से बच्चों में होने वाली बीमारियों के इलाज में इसका उपयोग अधिक किया जाता है. दादी-नानी के नुस्खे में भी मुलेठी जड़ी-बुटी का अधिक उपयोग होता है. मुलेठी का उपयोग पाचन समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने के लिए किया जाता है. यह पेट में ऐंठन और एसिडिटी को भी कम करता है.
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