
Milk is not for All : दूध सबसे पौष्टिक आहार माना जाता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में अधिकांश लोगों को दूध नुकसान पहुंचाता है. आखिर ऐसा क्यों होता है, इस बारे में न्यूज 18 ने सीके बिड़ला अस्पताल, गु…और पढ़ें

दूध किसके लिए नुकसानदेह.
हाइलाइट्स
- भारत में अधिकांश लोगों को दूध से पेट की समस्याएं होती हैं.
- दूध में लेक्टोज होता है, जिसे पचाने के लिए लैक्टीज एंजाइम चाहिए.
- मिल्क इंटलॉरेंस के कारण पेट फूलना, गैस, डकारें, लूज मोशन हो सकते हैं.
Milk is not for All: दूध में बेहद पौष्टिक होता है. इसमें हर वो चीज होती है जो इंसान को जिंदा रहने के लिए जरूरी है. मां का दूध पीकर ही बच्चा 6 महीने तक रहता है. यदि शुद्ध दूध हो तो सिर्फ 250 ग्राम दूध में 8.14 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. वहीं 12 ग्राम कार्बोहाइड्रैट, 12 ग्राम शुगर और 8 ग्राम फैट मिल जाता है. यानी सब कुछ एक साथ. आप जानते ही होंगे कि वयस्क होने पर भी लोग गाय या भैंस का दूध नियमित रूप से पीते हैं. क्योंकि दूध कैल्शियन का बड़ा स्रोत है. इससे हड्डियों को मजबूत किया जाता है. 250 ग्राम दूध में 152 कैलोरी ऊर्जा मिल सकती है. पर हकीकत यह है कि दूध सभी के लिए हेल्दी चीज नहीं है. इससे कई लोगों को पाचन संबंधी दिक्कतें होती है.
क्यों सबके लिए हेल्दी नहीं है
सीके बिड़ला अस्पताल गुड़गांव में इंटरनल मेडिसीन के कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल से जब इस संबंध में बातें की तो उन्होंने कहा कि अपने यहां अधिकांश लोगों को मिल्क इंटलॉरेंस है. यानी दूध को पचाने के लिए जरूरी चीजें आंतों में कम होती है. दूध में लेक्टोज नाम का फैट होता है. इसे पचाने के लिए आंतों में लेक्टीज नाम के एंजाइम होते हैं. इसी तरह केसीन नाम के एंजाइम से भी दूध पचता है. अधिकांश भारतीयों में लेक्टीज और केसीन एंजाइम की कमी होती है. कुछ में तो बिल्कुल भी नहीं होते. इसके पीछे खराब जीन जिम्मेदार है. जीन की गड़बड़ियों की वजह से अधिकांश लोगों की आंतों में ये एंजाइम नहीं होते और इससे जब दूध आंतों में जाता है तो इसका पाचन सही से नहीं हो पाता है. यही कारण है कि दूध अधिकांश लोगों के पेट को खराब कर देता है.
अगर किसी को मिल्क इंटलॉरेंस है यानी दूध नहीं पचता है तो पाचन तंत्र पर सबसे बड़ा असर होता है. इसका सबसे बड़ा लक्षण है पेट का फूल जाना. इसके साथ ही पेट में अफारा होना, खूब डकारें आना, पेट में खूब गैस बनना. कुछ लोगों को खाना खाने के बाद पेट में मरोड़ उठने लगता है. कुछ को लूज मोशन या कॉन्स्टिपेशन भी हो सकता है. कुछ दिनों तक लगातार ऐसा हो तो यह समझ लेना चाहिए कि दूध के कारण ऐसा हो रहा है. इसलिए दूध का सेवन एकदम सीमित कर दें.
आर्टिफिशियल कारण भी
डॉ. तुषार तायल ने बताया कि आजकल दूध न पचने का आर्टिफिशियल कारण भी हो सकता है. क्योंकि आजकल दूध में कई तरह की मिलावट आ गई है. अगर दूध में सिर्फ पानी भर है तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन दूध में जब यूरिया जैसे रसायन मिलाए जाते हैं तो यह बहुत दिक्कत करता है. वहीं गाय-भैंस को किसान ऑक्सिटोसिन जैसे इंजेक्शन देकर दूध निकालते है. ऑक्सिटोसिन एक हार्मोन है जो दूध के माध्यम से इंसान के शरीर में आ सकते हैं. जब यह इंसान के शरीर में पहुंचता है तो कुदरती तौर पर शरीर में बनने वाला हार्मोन खराब होने लगता है. इससे कई तरह की दिक्कतें होती है.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें
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