Yoga Health Benefits: स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए सभी लोगों को रोज योग का अभ्यास करना चाहिए. योग आपके तन और मन को शांत रखता है. इससे कई बीमारियों से भी राहत मिल सकती है. अगर आप रोज सिर्फ 30 से 60 मिनट योग कर लें, तो इससे आपकी जिंदगी में बड़े बदलाव आ सकते हैं और आपकी सेहत में चार चांद लग सकते हैं. जो लोग हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज से जूझ रहे हैं, उनके लिए योग किसी वरदान से कम नहीं है. योग का नियमित अभ्यास करने से बीपी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिजीज से राहत मिल सकती है. कई रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है.
योग एक्सपर्ट्स की मानें तो योग का नियमित अभ्यास हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन को कम करने में बेहद कारगर है. जब हम योगासन और प्राणायाम करते हैं, तो शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है. इससे तनाव का स्तर घटता है, जो कि हाई बीपी का एक बड़ा कारण होता है. विशेष रूप से शवासन, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी जैसे योग अभ्यास नाड़ी शुद्धि में सहायक होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है.
योग कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी मददगार होता है. आजकल की लाइफस्टाइल और फास्ट फूड का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या कॉमन हो गई है. योग शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और फैट को एनर्जी में बदलने में मदद करता है. सूर्य नमस्कार, धनुरासन, नौकासन जैसे योगासन शरीर में जमी हुई चर्बी को कम करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ावा देते हैं. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है और ब्लड वेसल्स रिलैक्स हो जाती हैं.
भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और करीब 15 करोड़ लोग डायबिटीज की कगार पर पहुंच चुके हैं. अगर आप डायबिटीज से बचना चाहते हैं या इसे कंट्रोल करना चाहते हैं, तो योग का अभ्यास शुरू कर सकते हैं. योग पैंक्रियास की फंक्शनिंग को सुधारता है, जिससे इंसुलिन बेहतर तरीके से रिलीज होता है और शुगर लेवल कंट्रोल होता है. शुगर के लिए बेस्ट योगासन की बात करें, तो मंडूकासन, वक्रासन, पवनमुक्तासन और कपालभाति जैसे योग डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. रोजाना इन आसनों का अभ्यास ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है.
मोटापा कई बीमारियों की जड़ माना जाता है. योग शरीर के प्रत्येक अंग को एक्टिव रखता है और अंदरूनी ऊर्जा को संतुलित करके फैट को कम करता है. त्रिकोणासन, उत्कटासन और भुजंगासन जैसे आसनों से कैलोरी बर्न होती है और पेट, जांघों व कमर की चर्बी घटती है. साथ ही योग मानसिक संतुलन बनाकर ज्यादा खाने की आदत को भी नियंत्रित करता है. इसके अलावा पवनमुक्तासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन और उष्ट्रासन जैसे आसनों से पेट की मांसपेशियों की मालिश होती है, जिससे पाचन क्रिया तेज होती है. इससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
योग दिल को स्वस्थ बनाए रखने में भी बहुत सहायक है. यह ब्लड फ्लो बेहतर करता है, तनाव कम करता है और दिल की धड़कन को संतुलित रखता है. अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और मेडिटेशन दिल की सेहत को बेहतर बनाने वाले बेहतरीन योग अभ्यास हैं. इससे एथेरोस्क्लेरोसिस और स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा आज की व्यस्त और तनावपूर्ण जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. योग मानसिक संतुलन बनाए रखने, चिंता और डिप्रेशन को कम करने में बेहद उपयोगी है. मेडिटेशन, शवासन और गहरी सांस लेने से ब्रेन को शांति मिलती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)