अपोलो हॉस्पिटल, नोएडा की ENT डॉक्टर शिखा बानी का कहना है कि कान में बिना सलाह के कुछ भी डालना बेहद खतरनाक हो सकता है. उनके अनुसार आज भी कई मरीज ऐसे आते हैं जिन्होंने दर्द के दौरान सरसों का तेल, लहसुन गरम करके या कोई जड़ी-बूटी का रस कान में डाल लिया होता है, जिसके कारण इंफेक्शन और बढ़ जाता है. डॉक्टर का कहना है कि कान का दर्द कई वजहों से हो सकता है जैसे बाहरी त्वचा में इंफेक्शन, मिडिल ईयर में पस जमा होना, फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरिया की बढ़त या अंदर सूजन होना. इतना ही नहीं, कभी-कभी गले का इंफेक्शन, टॉन्सिल की सूजन, दांतों की कैविटी या जबड़े की समस्या का दर्द भी कान में महसूस होता है. यही कारण है कि दर्द होने पर घबराकर गलत कदम उठाना ठीक नहीं है, अगर दर्द बढ़ रहा हो, डिस्चार्ज आए, सुनाई कम दे या बुखार हो, तो तुरंत सही इलाज लेना जरूरी है. डॉक्टर का साफ कहना है कि राहत पाने की कोशिश में कान में तेल डालना सबसे बड़ी गलती है. सही तरीका जानना जरूरी है, ताकि समस्या बढ़ने की बजाय जल्दी ठीक हो सके.
कान में तेल न डालें
डॉक्टर के अनुसार जैसे ही दर्द होता है लोग तुरंत सरसों का तेल डाल देते हैं, जबकि यह सबसे गलत कदम है. आजकल सरसों का तेल कान में डालना पुरानी और गलत प्रथा माना जाता है. इससे इंफेक्शन बढ़ सकता है, फंगल समस्या हो सकती है और कान के अंदर नमी जमा होकर हालत खराब कर देती है. बिना डॉक्टर की सलाह के कान में कोई भी चीज नहीं डालनी चाहिए.
कान में दर्द होने पर क्या करें?
अगर डॉक्टर तुरंत उपलब्ध न हों, तो दो सुरक्षित उपाय किए जा सकते हैं:
1. गर्म सिकाई
हल्के गरम पानी में भिगोए कपड़े से दर्द वाले कान के आसपास गर्म सिकाई करें. इससे दर्द और सूजन में थोड़ी राहत मिलती है और ब्लॉकेज का अहसास कम होता है.
2. सुरक्षित दर्दनाशक दवा
पैरासिटामोल या क्रोसिन जैसी दवा ली जा सकती है, लेकिन सिर्फ वही जो सुरक्षित मानी जाती है. ध्यान रहे कि दवा लेने के बाद भी कान में तेल, ड्रॉप या घरेलू नुस्खा न डालें.
बाहरी कान के संक्रमण के लक्षण
Otitis Externa में दर्द लगातार बना रहता है. इसके लक्षण इस तरह हो सकते हैं:
-कान में दर्द
-अंदर भारीपन
-पानी या पस जैसा डिस्चार्ज
-खुजली या जलन
-ब्लॉकेज महसूस होना
ऐसे लक्षण दिखें तो इलाज में देर न करें.
डिस्चार्ज का मतलब क्या है?
कान से निकलने वाला डिस्चार्ज कई संकेत देता है:
-पानी जैसा बहाव– साइनस या नाक-गले की दिक्कत
-पीला डिस्चार्ज– बैक्टीरियल इंफेक्शन और पस बनने की शुरुआत
-खून मिला हुआ डिस्चार्ज गंभीर इंफेक्शन या अंदर चोट का संकेत
ऐसी स्थिति को हल्के में लेने की गलती न करें.
कभी भी कान में गलत चीजें न डालें
डॉ. शिखा बानी ने बताया कि हाल ही में एक मरीज ने सूरजमुखी के फूल का रस कान में डाल लिया, जिससे उसे गंभीर फंगल इंफेक्शन हो गया और तेज दर्द व सूजन के साथ अस्पताल आना पड़ा. यही वजह है कि डॉक्टर बार-बार चेतावनी देते हैं कि कान में घरेलू नुस्खे या तेल डालना खतरनाक है.

अगर इन लक्षणों में से कुछ भी दिखाई दे तो तुरंत ENT एक्सपर्ट से मिलें:
-दर्द 1–2 दिन में कम न हो
-पानी या पस निकलने लगे
-तेज बुखार
-सुनाई कम देना
-चक्कर आना
-बार-बार कान में दर्द होना
सही इलाज सिर्फ जांच के बाद ही हो सकता है.


