
How to Measure BP: आजकल अधिकांश लोगों घर पर ही बीपी जांच कर लेते हैं लेकिन अधिकांश लोग बीपी की गलत जांच करते हैं क्योंकि उनका हाथ का पोजिशन सही नहीं रहता.

How to Measure BP: हाई ब्लड प्रेशर ऐसी बीमारी है जो कभी भी स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का बड़ा कारण बन सकता है. इस शंका में लोग बीपी की जांच करते भी है. आजकल अधिकांश लोगों के घर में बीपी जांच की ऑटोमेटिक मशीन होती है जिससे वे घर में चेक करा लेते हैं. लेकिन यकीन मानिए अधिकांश लोगों की बीपी जांच सही नहीं रहती. बीपी में बहुत ज्यादा गड़बड़ी रहने की आशंका होती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में इसके लिए एक ट्रायल स्टडी की गई तो पता चला कि अधिकांश लोगों की बीपी रीडिंग गलत आ रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है हाथ को सही स्थिति में नहीं रखना. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की डॉक्टर टैमी ब्रैडी ने इसके लिए तीन स्थितियों में बीपी की रीडिंग लेने के लिए लोगों का एक समूह बनाया और स्टडी के बाद पाया कि अधिकांश लोगों का बीपी बहुत हाई है या कम हो जाता है. वास्तविक रीडिंग नहीं आता.
बांह लटकाना सबसे बड़ी गलती
शोधकर्ताओं ने बताया कि सबसे बड़ी गलती हाथों को नीचे कर रखने की है. शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर कोई मरीज अपनी बांह लटका देता है तो उसकी ब्लड प्रेशर रीडिंग मेज पर रखे बांह की तुलना में 7 एमएमएचजी तक अधिक आ सकती है. यह अंतर किसी व्यक्ति की ब्लड प्रेशर रीडिंग को एडवांस स्टेज से सीधे खतरनाक स्टेज 2 की श्रेणी में पहुंचा सकता है. शोधकर्ताओं ने रियल चेकअप जैसी स्थिति बनाने के लिए हर प्रतिभागी को हर ब्लड प्रेशर रीडिंग से पहले दो मिनट चलने को कहा. फिर वे पांच मिनट तक एक शांत कमरे में आराम करते थे, जहां उनकी पीठ और पैर कुर्सी से टिके होते थे. हर व्यक्ति की चार बार तीन-तीन माप ली गई, हर बार हाथ की अलग स्थिति में. अध्ययन के अंत में फिर से मेज पर हाथ रखकर माप दोहराई गई ताकि समय के साथ होने वाले सामान्य बदलाव को ध्यान में रखा जा सके.
ब्लड प्रेशर सही तरीके से कैसे नापा जाए
शोधकर्ताओं ने बताया कि मेज पर हाथ रखकर बीपी मापना सबसे अच्छा तरीका है. जब आप मेज पर हाथ रखते हैं तो कफ का मध्य बिंदु हृदय की ऊंचाई के बराबर रहता है जिससे धमनियों में दबाव बराबर रहता है. अगर हाथ नीचे गिरा दिया जाए तो गुरुत्वाकर्षण के कारण खून को ऊपर चढ़ाने के लिए अधिक दबाव लगाना पड़ता है जिससे माप ज्यादा आती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन निर्देश देता है कि मरीज को कुर्सी पर टिकाकर बैठाएं, पैर सीधे जमीन पर हों, टांगे क्रॉस की गई न हों और हाथ एक सख्त सतह पर रखा हो जो हृदय की ऊंचाई पर हो. अच्छे से प्रशिक्षित डॉक्टर भी हर बार यह प्रक्रिया नहीं अपनाते. क्लीनिक में जल्दी करने का दबाव होता है जिससे हाथ की ऊंचाई जैसे छोटे विवरण नजरअंदाज हो जाते हैं. कुछ लोग यह मान लेते हैं कि करीब-करीब सही ही काफी है, लेकिन रिसर्च से पता चला है कि ऐसा करने से गलत रीडिंग आती है. जब तक कोई जानबूझकर स्थिति की जांच नहीं करता, तब तक यह गलती आदत बन सकती है.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें
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