
Useful Health Tips: गंदे मोजे दोबारा पहनना पैरों की सेहत के लिए हानिकारक है. इससे फंगल इंफेक्शन, बदबू और त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मोजे हर दिन धोकर पहनने चाहिए. साफ-सफाई से संक्रम…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- सभी लोगों को मौजे हर दिन धोकर पहनने चाहिए.
- गंदे मौजे पहनने से फंगल इंफेक्शन हो सकता है.
- कॉटन के मौजे पैरों की सेहत के लिए बेहतर हैं.
Socks Hygiene Tips: अधिकतर लोगों को दिनभर जूते-मौजे पहनकर रहना पड़ता है. जूते तो एक बार धोने के बाद लोग कुछ सप्ताह तक इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मौजे बार-बार धोने पड़ते हैं. मौजे हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं. हम इन्हें पहनकर जूते के अंदर अपने पैरों को सुरक्षित रखते हैं और पसीने व बदबू से भी बचाते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि एक बार धोने के बाद मौजे कितनी बार पहने जा सकते हैं? अगर हम एक ही मौजे को बार-बार बिना धोए पहनते रहें तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है? चलिए इस बारे में जरूरी फैक्ट जान लेते हैं.
जब हम गंदे मौजों को बार-बार पहनते हैं, तो उनमें बैक्टीरिया और फंगस की मात्रा बढ़ जाती है. इसके कारण हमारे पैरों से दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है. बदबू के साथ-साथ यह बैक्टीरिया हमारे नाखूनों और स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. कई बार लोगों को टिनिया पेडिस (Tinea Pedis) यानी ‘एथलीट फुट’ नामक फंगल इंफेक्शन हो जाता है. यह संक्रमण त्वचा के छिलने, खुजली और फफोले का कारण बन सकता है.
कॉटन के मौजे पैरों की सेहत के लिए बेहतर माने जाते हैं क्योंकि यह नमी को सोखते हैं और स्किन को सांस लेने की जगह देते हैं. वहीं, सिंथेटिक फैब्रिक के मौजे नमी को रोकते हैं जिससे स्किन में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. अगर आप बहुत ज्यादा पसीना छोड़ते हैं, तो ऐसे मौजे चुनें जिनमें एंटी-बैक्टीरियल तकनीक हो या जो स्पेशल पसीना सोखने वाले मटीरियल से बने हों. गंदे मौजे सिर्फ पैरों की त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि पूरे शरीर को भी प्रभावित कर सकते हैं. अगर किसी के पैरों में घाव है या स्किन खुली है और उस पर बैक्टीरिया या फंगस पनप जाए तो यह रक्त संचार के जरिए पूरे शरीर में फैल सकता है, जिससे गंभीर संक्रमण हो सकता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.