Methi dana health benefits: लगभग हर भारतीय रसोई की जान है मेथी दाना. कढ़ी हो या फिर कोई सब्जी इसकी बघार बिना बात नहीं बनती. चटपटे अचार की कल्पना तो इसके बगैर की ही नहीं जा सकती. खैर इन्हीं पीले से दिखने वाले कड़वे दानों में सेहत का खजाना छिपा है. दादी मां के नुस्खों में इसे खासतौर पर शामिल किया जाता है. पारम्परिक चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि मॉर्डन पैथी भी इसका लोहा मानती है.
चरक संहिता में मेथी को “कुंचिका” नाम दिया गया है. मेथी वात और कफ को दूर करती है, स्वाद को बढ़ाती है, और रोगों से रक्षा करती है.
ग्रंथ में बताया गया है कि मेथी रुचिकर होती है, यह भूख बढ़ाती है, वात और कफ रोगों से बचाव करती है और दुर्गंध दूर करती है.
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार, मेथी के अर्क में पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व और यौगिक इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाते हैं.
मेथी दाना बीपी को नियंत्रित करने के साथ टाइप 2 डायबिटीज पर बेहतर तरीके से काम करता है. मेटाबॉलिज्म तेज करने के साथ यह वजन घटाने का भी काम करता है. बालों के लिए तो यह वरदान है.
बालों में कैसे लगाएं मेथी
इसके लिए आप 1-2 चम्मच मेथी के दानों को रातभर के लिए भिगो दें. इसे सुबह पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं. एक घंटे बाद बालों को धो लें. सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से बालों का गिरना बंद होने लगते हैं.
चिकित्सकों की राय है कि जिन्हें पित्त संबंधी बीमारी है, वे मेथी दाने का सेवन नहीं करना चाहिए. मतलब जिन्हें गर्म तासीर की चीजें नहीं भाती हैं, वे इसे लेने से बचें.
कहा जाता है कि जिस आचार में मेथी का उपयोग किया जाता है, वह आचार न रहकर एक औषधि बन जाता है. मेथी ऐसी चीज है जो जिस चीज में डाली जाती है, वह उसके असर को कम करके उसमें अपने गुण डाल देती है.
इस खास तरह की औषधि को अपनी रसोई में जरूर रखना चाहिए. इसे वात बढ़ाने वाली चीजों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. भिंडी, अरहर दाल, कढ़ी, राजमा, पालक पनीर की सब्जी में भी डालकर इसका लाभ उठाया जा सकता है.