
क्या है फूड पॉइजनिंग?
फूड पॉइजनिंग को हिंदी में खाद्य विषाक्तता कहते हैं. यह समस्या तब होती है, जब आप बाहर दूषित खाना खा लेते हैं. गंदा या दूषित पानी पीते हैं. इस तरह के खराब और अनहेल्दी फूड्स में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट्स आदि के कारण होता है. खासकर, गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के मामले काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में जितना हो सके घर का बना साफ-सुथरा, हेल्दी, शुद्ध खाना ही खाएं.
ये समस्या मुख्य रूप से बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस, विषाक्त पदार्थों के कारण होती है. दूषित भोजन में सैल्मोनेला, ई.कोली बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. वायरस में रोटावायरस भी फूड पॉइजनिंग का कारण होते हैं. कुछ परजीवी दूषित पानी में पाए जाते हैं, जो फूड पॉइजनिंग की वजह बन सकते हैं.
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
इसके लक्षण खराब दूषित भोजन के सेवन के कुछ घंटों या एक-दो दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. लक्षण में आपको निम्न समस्याएं हो सकती हैं-
पेट में दर्द
पेट में मरोड़
उल्टी
डायरिया
बुखार
जी मिचलाना
सिरदर्द
फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय
आप गर्मी में खानपान में जरूर सावधानी बरतें.
सब्जी, मांस-मछली आदि भोजन को अच्छी तरह से पकाकर खाएं.
पका हुआ भोजन, कच्चे भोजन के पास न रखें. इन्हें अलग-अलग रखें.
खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें.
बाहर का पानी पीने से बचें, ये दूषित हो सकता है.
सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से साफ करके ही खाएं और पकाएं.
चिकन, मीट, मछली को अच्छी तरह से साफ करें, उसके बाद ही पकाएं.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.