
छपरा जिले के अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल, मस्तीचक ने 800 किलोवाट सोलर प्लांट लगाकर पर्यावरण बचाने और गरीब मरीजों के ऑपरेशन के लिए बिजली की बचत का उपयोग करने की मिसाल पेश की है. सोलर प्लांट लगाकर उससे होने वाली बचत …और पढ़ें

- अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने 800 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया
- सोलर प्लांट से बचत की बिजली से गरीबों का होगा मुफ्त इलाज
- सोलर प्लांट से हर साल 5,000 गरीब मरीजों के आंखों का होगा ऑपरेशन
छपरा. पूर्वी भारत के सबसे बड़े आंखों के अस्पतालों में से एक, अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल, मस्तीचक ने आज एक कमाल का काम किया है. उन्होंने न सिर्फ पर्यावरण बचाने का बड़ा कदम उठाया है, बल्कि इसे लोगों की सेवा से जोड़कर एक नई मिसाल भी पेश की है.
सोलर एनर्जी से चलेगा अस्पताल
अस्पताल में 800 किलोवाट का एक बड़ा सोलर प्लांट लगाया गया है. इसका उद्घाटन भी हो चुका है और अब पूरी तरह इसी प्लांट के बिजली से अस्पताल चलेगा. इससे हर साल हजारों टन कार्बन गैस हवा में जाने से बचेगी, जिससे हमारा पर्यावरण साफ रहेगा.
बिजली की बचत से होगा आंखों का इलाज
सबसे खास बात ये है कि इस सोलर प्लांट से जो बिजली की बचत होगी, उस पैसे का इस्तेमाल गरीब मरीजों के ऑपरेशन में किया जाएगा. अखंड ज्योति ट्रस्ट के ट्रस्टी मृत्युंजय तिवारी ने बताया, ‘इस सोलर प्लांट से जो बिजली बचेगी, उससे हम हर साल कम से कम 5,000 गरीब मरीजों की आंखों का ऑपरेशन करेंगे, जो पैसों की कमी के कारण अपना इलाज नहीं करा पाते. उन्होंने कहा, ‘अब सूरज की रोशनी सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, दृष्टि भी लौटाएगी’.
सोलर प्लांट लगाने में मिला प्राइवेट कंपनी का सहयोग
उन्होंने बताया कि जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के सीएमडी श्री नारायण रामास्वामी इस अस्पताल के काम से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने खुद मदद की इच्छा जताई. उनके सहयोग से ही सोलर प्लांट लगा है. उन्होंने 220 बिस्तरों वाला गायत्री कुंज बालिका छात्रावास बनाने में भी मदद की है. श्री नारायण रामास्वामी ने कहा कि वो ग्रीन एनर्जी के समर्थक हैं. उनकी कई योजनाएं ऐसे प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट कर रही हैं. उन्होंने अखंड ज्योति अस्पताल को वर्ल्ड लेवल का बताया है.
इस कार्यक्रम में बिहार के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सुझाव दिया कि राज्य के सभी स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच नियमित रूप से होनी चाहिए, जिसमें अखंड ज्योति जैसे संस्थान मदद कर सकते हैं. इस पर शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार ने भी अपनी सहमति जताई और कहा, ‘हम शिक्षा विभाग की ओर से इसे अपनी नीति में शामिल करने पर विचार करेंगे.’
200 ग्रामीण लड़कियों को मिलेगा फायदा
इसके साथ ही, 200 बिस्तरों वाले गायत्री कुंज बालिका छात्रावास का भी उद्घाटन हुआ. ये छात्रावास ‘फुटबॉल टू आईबॉल’ प्रोग्राम के तहत 200 ग्रामीण लड़कियों को अच्छी शिक्षा, आंखों के जांच की ट्रेनिंग और नौकरी से जोड़ेगा.
बड़े सामाजिक बदलाव की शुरुआत
अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल का ये कदम सिर्फ इलाज, शिक्षा या पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये एक बड़े सामाजिक बदलाव की शुरुआत है. इसमें सोलर ऊर्जा से लोगों की आंखों का इलाज करना एक शानदार उदाहरण बनेगा. अब सच में, सूरज की रोशनी से सिर्फ धरती नहीं, बल्कि हजारों आंखें भी रोशन होंगी.
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