
Health Tips: बिहारा में पूर्णिया के आयुर्वेदाचार्य डॉ. नंद कुमार मंडल के अनुसार, जामुन डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान है. यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट की समस्याएं दूर करता है.
- जामुन डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान है.
- जामुन पाचन तंत्र को मजबूत करता है.
- जामुन साल में मई-जून में मिलता है.
पूर्णिया: साल में एक बार मिलने वाला यह दुर्लभ फल इंसानों के जीवन के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है. इस फल को हम जामुन के नाम से जानते हैं. जामुन के सेवन से पेट संबंधी समस्याएं आसानी से दूर हो जाती हैं और पेट में फंसा बाल भी निकल जाता है. डायबिटीज रोगियों के लिए जामुन किसी वरदान से कम नहीं है.
पूर्णिया जिला औषधालय केंद्र के आयुर्वेदाचार्य डॉ. नंद कुमार मंडल के अनुसार जामुन बहुत ही लाभकारी और गुणकारी फल है. यह फल साल में एक बार गर्मियों में, मई और जून के महीनों में बाजार में मिलता है. जामुन का पेड़ बड़ा होता है और उस पर काले रंग का आकर्षक फल लगता है, जो दिखने में सुंदर और चमकदार होता है. खाने में भी यह फल काफी स्वादिष्ट होता है.
जामुन का सबसे बड़ा लाभ डायबिटीज के मरीजों के लिए है. अगर डायबिटीज के रोगी जामुन के बीज को सुखाकर पीसकर उसका चूर्ण बनाकर नियमित रूप से सेवन करें तो डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं.
खानपान के साथ कभी-कभी पेट में बाल चला जाए तो जामुन का सेवन इसे आसानी से बाहर निकाल देता है. जामुन के उपयोग से पेट और शरीर में जमा गंदगी भी बाहर निकल जाती है, जिससे पाचन तंत्र सही रहता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.
डॉ. नंद कुमार मंडल के अनुसार, जामुन का स्वाद आयुर्वेद के अनुसार कसाय रस होता है, जो कफ को संतुलित करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत लाभकारी है. इसे खाने के बाद जीभ का रंग ब्लू या काला हो जाता है. जामुन में टैनिन तत्व होने के कारण इसका स्वाद कसाई होता है और यह रंग छोड़ता है, जिससे लोगों की जीभ रंगीन हो जाती है. जामुन का सेवन लोगों को पूरी तरह स्वस्थ रखता है. इसलिए हर व्यक्ति को साल में एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए.
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