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- Gupt Navratri Of Ashadh Month Starts From Today, Significance Of Gupt Navratri In Hindi, Facts About Goddess Durga Puja
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आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि आज (26 जून) से शुरू हो गई है। इस बार की आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूरे नौ दिनों की रहेगी, क्योंकि प्रतिपदा से नवमी तक किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। 4 जुलाई को भड़ली नवमी पर ये उत्सव खत्म होगा। इस नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ हो रही है, इस वजह से इन दिनों में की गई देवी पूजा जल्दी सफल हो सकती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एक साल में चार बार नवरात्रि आती है। चैत्र और अश्विन मास में प्रकट नवरात्रि रहती है, जबकि आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। प्रकट नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में देवी सती की दस महाविद्याओं की साधना की जाती है, ये साधनाएं गुप्त रूप से की जाती है। इन महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी शामिल हैं।
- दो ऋतुओं के संधिकाल में आती नवरात्रि
ऋतुओं का संधिकाल यानी दो ऋतुओं के बीच का समय। जब एक ऋतु खत्म होने वाली होती है और दूसरी की शुरुआत होने वाली होती है। दो ऋतुओं के संधिकाल में देवी दुर्गा की पूजा का महापर्व नवरात्रि मनाया जाता है। जैसे अभी आषाढ़ मास की नवरात्रि है। इस समय ग्रीष्म ऋतु खत्म होती है और वर्षा ऋतु शुरू होती है। माघ मास की नवरात्रि के समय शीत ऋतु खत्म होती है और बसंत ऋतु शुरू होती है। चैत्र मास की नवरात्रि के समय बसंत ऋतु खत्म होती है और ग्रीष्म ऋतु शुरू होती है। आश्विन नवरात्रि के समय वर्षा ऋतु खत्म होती है और शीत ऋतु शुरू होती है।
- व्रत-उपवास से सेहत को मिलता है लाभ
आयुर्वेद के अनुसार रोगों को ठीक करने की एक विद्या का नाम है लंघन। लंघन में व्रत-उपवास करने की सलाह दी जाती है।
व्रत-उपवास करने से हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है। खान-पान में संयम रखने से हम बीमारियों से बचे रहते हैं। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नवरात्रि के दिनों में अन्न का त्याग करते हैं तो आलस नहीं आता है और पूजा-पाठ में हमारा मन लगा रहता है। इस तरह व्रत करने से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी फायदा होता है।
- गुप्त नवरात्रि में कर सकते हैं ये शुभ काम
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। देवी मां के मंत्र ऊँ दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जप कर सकते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। देवी भागवत ग्रंथ का पाठ कर सकते हैं।
आषाढ़ मास की नवरात्रि में देवी पूजा के साथ ही नदियों में स्नान, दान का विशेष महत्व है। गणेश जी, शिव-पार्वती के साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी विशेष पूजा इन दिनों में करनी चाहिए।
जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल, छाता, भोजन का दान करना चाहिए। इन दिनों में सुबह देर तक सोना नहीं चाहिए। जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। ऐसा भोजन न करें, जिसे पचने में ज्यादा समय लगता है।
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