
- Hindi News
- Career
- For The First Time, There Are More Girls In Science Stream Than Arts And Commerce, 46% Of The Total Passouts; Changing Trend Seen In MoE Report
- कॉपी लिंक

देशभर के क्लासेज में बीते 10 सालों से लैबकोट पहनने वाली लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 12वीं में साइंस स्ट्रीम एक समय तक मेल डॉमिनेंट माना जाता था, वहां लड़कियों ने आगे आकर लैब अपरेटस संभाल लिए हैं।
ये ट्रेंड सामने आया है मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाली लड़कियों की संख्या पहली बार आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम से ज्यादा हो गई है।

सितंबर 2024 में जारी एक और रिपोर्ट के अनुसार
- 2014 में आर्ट्स और साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास लड़कियों का अंतर – 7.5 लाख
- 2017 में आर्ट्स और साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास लड़कियों का अंतर – 5.5 लाख
- 2021 में आर्ट्स और साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास लड़कियों का अंतर – 4.1 लाख
- 2024 में ये ट्रेंड उलट गया और साइंस से 12वीं पास लड़कियों की गिनती आर्ट्स से 90 हजार ज्यादा हो गई है।
कॉमर्स में घटी लड़कियों की गिनती
2023 में साइंस स्ट्रीम से पास कुल स्टूडेंट्स में से लड़कियां केवल 39% थीं, जबकि 2024 में ये संख्या 44% हो गई। साइंस स्ट्रीम में जहां लड़कियों की गिनती बढ़ी है, वहीं कॉमर्स में ये नंबर बीते सालों में कम हुए हैं। 2023 में जहां 8.16 लाख लड़कियां कॉमर्स से पास हुई थीं, वहीं 2024 में ये गिनती 8.07 लाख हो गई।
2013 से 2024 तक साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाली लड़कियों की गिनती 13.4 लाख से 28.1 लाख हुई है, जो कि 2 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी है। इसी दौरान लड़के और लड़कियों को मिलाकर कुल संख्या 36.3 लाख से बढ़कर 61 लाख हुई है।
पिछड़ी लड़कियां भी तोड़ रहीं बैरियर
मेल डॉमिनेटेड साइंस स्ट्रीम में पिछड़े वर्गों से आने वाली लड़कियां भी अपनी जगह तेजी से बना रही हैं। MoE की रिपोर्ट के अनुसार SC-ST कैटेगरी की लड़कियों में भी साइंस स्ट्रीम का ट्रेंड साल दर साल बढ़ा है।

NEET में भी लड़कियों का दबदबा, मगर टॉपर्स लिस्ट से गायब
14 जून को जारी हुए NEET UG के रिजल्ट में भी लड़कियों की गिनती ज्यादा रही। क्वालिफाई हुए कुल 12,36,531 कैंडिडेट्स में से 58.45% यानी आधे से ज्यादा लड़कियां थीं। हालांकि, टॉप 100 में लड़कियां केवल 15 रहीं। 2024 में भी कुल पास हुए कैंडिडेट्स में से 57.6% लड़कियां थी। मगर टॉप 100 में केवल 22 लड़कियां ही जगह बना पाईं।
इसी तरह JEE Mains में भी सेशन 1 के 14 टॉप स्कोरर्स में से केवल 1 लड़की थी, जबकि सेशन 2 के 24 टॉप स्कोरर्स में से 2 लड़कियां थीं। 2024 के एग्जाम में सेशन 1 के 23 फुल स्कोरर्स में एक भी लड़की नहीं थी, जबकि सेशन 2 के 56 टॉप स्कोरर्स में से केवल 2 लड़कियां थीं।
डेटा से पता चलता है कि स्कूल लेवल पर मिली सफलता केवल पहला कदम है। साइंस की फील्ड को लड़कियों के लिए इन्क्लूसिव बनाने के लिए गाइडेंस और समान मौके हायर एजुकेशन और करियर में भी मिलते रहना बेहद जरूरी है। इसके बिना स्कूल लेवल पर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) में आई ये लहर फिर खो जाएगी।
——————–
ये खबरें भी पढ़ें…
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में IIT दिल्ली बेस्ट: IIT बॉम्बे पिछड़ा, DU की रैंक बरकरार; देश की 54 यूनिवर्सिटीज लिस्ट में शामिल

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 जारी हो चुकी है। इसमें पिछले साल की ही तरह मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी MIT टॉप पर है। बात भारत की करें तो इस साल रैंकिंग में कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस साल देश में IIT दिल्ली पहले स्थान पर है। वहीं IIT बॉम्बे दूसरे पायदान पर है। पूरी खबर पढ़ें…
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.