Early Retirement Planning: हर दिन की नौकरी या खुद के व्यापार से अगर आप थक चुके हैं और मन में ख्याल आता है कि, सब छोड़कर शांति से जिंदगी जी जाए. तो इसका जवाब सिर्फ भावनाओं के आधार पर नहीं खोजना चाहिए. अपनी आर्थिक स्थिति का सही आकलन करना और भविष्य के खर्च को समझ कर आप इसकी तैयारी कर सकते हैं.
बहुत हद तक यह फॉर्मूला गणित में छिपा होता है. जिसे फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर (FIN) कहा जाता है. फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर वह रकम होती है, जिसकी मदद से आप बिना नौकरी या व्यापार के भी अपनी जिंदगी आसानी से जी सकें. यह राशि आपके पास नौकरी या व्यापार छोड़ने से पहले होनी चाहिए. ताकि आपको अपने फैसले पर किसी तरह का पछतावा न हो…..
क्या है फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर ?
फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर वह रकम होती है जो, आपका बिना कमाई के भी लंबे समय तक सभी खर्च उठा सके. इसमें आपके महीने का खर्च, बढ़ती महंगाई, इलाज से जुड़े खर्च और आपकी जीवनशैली से संबंधित सभी खर्च शामिल होते हैं.
उदाहरण के लिए अगर आपका मासिक खर्च 1,00,000 रुपये है, यानी साल भर में 12 लाख रुपये. अगर आपको अगले 25 साल तक यही खर्च आराम से चलाना है, तो आपके पास लगभग 3 करोड़ रुपये का फंड होना जरूरी है.
कैसे करें इसका कैलकुलेशन?
अपना फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर निकालने के लिए सबसे पहले अपने महीने के खर्च का आकलन करना सबसे जरूरी है. किराया, EMI, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च और अपनी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल मे होने वाले खर्च को समझे. इसके बाद महंगाई के फैक्टर को इसमें ऐड करें. क्योंकि अगर महंगाई औसतन 6 फीसदी है तो, आने वाले सालों में आपका खर्च स्वाभाविक रूप से बढ़ेगा.
साथ ही अपने निवेश के औसत रिटर्न की जानकारी लें. अगर आपका रिटर्न, महंगाई दर से अधिक है तो, आप आराम से अपने खर्चों को संभाल सकते हैं. इन तीन प्रमुख बातों का ध्यान रखकर आप अपना फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर निकाल सकते हैं.
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