
रिपोर्ट्स के अनुसार 15 अगस्त 2025 से भारत सरकार एक नई वार्षिक FASTag पास योजना शुरू करने जा रही है. 3,000 में मिलने वाला यह पास एक वर्ष तक या 200 यात्राओं (जो भी पहले हो) के लिए वैध होगा. यह सुविधा खास तौर पर गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए उपलब्ध कराई जाएगी.
इस पास के जरिए वाहन चालकों को बार-बार टोल देने की परेशानी नहीं होगी और वे पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना रुकावट यात्रा कर सकेंगे. सरकार का कहना है कि यह नीति न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़, लंबी कतारें, और विवादों को भी खत्म करेगी.
क्या है खास इस योजना में?
3,000 में साल भर की टोल छूट या 200 यात्राएं
केवल निजी (गैर-व्यावसायिक) वाहनों के लिए
पूरे भारत के नेशनल हाइवे पर मान्य
FASTag के जरिए सीधे टोल भुगतान
60 किलोमीटर के दायरे वाले टोल प्लाजा पर राहत
कहां और कैसे होगा एक्टिवेशन?
जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप, NHAI और MoRTH की वेबसाइट पर इसका एक अलग लिंक जारी किया जाएगा.
लेकिन टोल प्लाजा कर्मचारियों का क्या?
जहां एक तरफ यह योजना लाखों यात्रियों को राहत देने वाली है, वहीं दूसरी तरफ टोल प्लाजा पर काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के फ्यूचर को लेकर चिंता भी बढ़ गई है. अभी तक, टोल प्लाजा पर कैश लेने, रसीद देने और विवाद सुलझाने के लिए स्टाफ की जरूरत होती थी. लेकिन फास्टैग और अब यह वार्षिक पास आने के बाद टोल कर्मियों की जरूरत कम होती जा रही है.
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे चलकर इस तरह की सुविधा अन्य वाहनों के लिए भी आ सकती है. इससे टोल ऑपरेटर कंपनियों में स्टाफ की संख्या घटाई जा सकती है, जिससे नौकरियों पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा फास्टैग में रिचार्ज कर के जो लोग काम कर रहे थे या जो कैनोपी टोल प्लाजा के आसपास दिखती थीं, ऐसे लोगों पर भी इसका असर पड़ता दिख सकता है. हालांकि इस विषय में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है.
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