लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद के फ्लैट से NIA ने 18.50 लाख कैश सहित सोने के बिस्कुट और जेवर बरामद किए है।
दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी मॉड्यूल में शामिल लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फ्लैट से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को 18.50 लाख कैश सहित सोने के बिस्कुट और कुछ गहने मिले है। अलमारी से अरब के अन्य देशों की करेंसी भी
गुरुवार की रात को जांच एजेंसी शाहीन को लेकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची थी। टीम ने यहां पर उसकी सभी गतिविधियों की जांच की। जांच एजेंसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर शाहीन का 22 नंबर फ्लैट है। इस फ्लैट में वह काफी समय तक रही।
जांच एजेंसी ने फ्लैट में रखी अलमारी का लॉक खुलवाया तो अंदर सीक्रेट लॉकर मिला। इसके खुलवाया गया तो अंदर कई पैकेट रखे हुए थे। टीम ने जब इन पैकेट को खोल कर देखा तो सभी चौक गए। इन पैकेट में 500-500 रूपए के नोट रखे गए थे। टीम के सदस्यों ने बिना मशीन के जब इन नोटों को गिना तो 18.50 लाख रुपए हुए।
वीरवार की रात को जांच एजेंसी शाहीन को लेकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची थी
सोने के 2 बिस्कुट, 300 ग्राम जेवर भी मिले इसके बाद टीम ने अलमारी के दूसरे लॉकर की तलाशी ली। इसमें सोने के 2 बिस्कुट के साथ करीब 300 ग्राम सोने के गहने बरामद किए गए। सूत्रों ने ये भी बताया कि अलमारी से अरब देशों की करेंसी भी मिली है। बता दें कि डॉ. शाहीन के कई करीबी फंडिंग के लिए कई गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के संपर्क में थे। वह वर्ष 2006 से 2013 तक जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में फार्माकोलॉजी की प्रवक्ता व विभागाध्यक्ष रही। एजेंसी की जांच में एनजीओ के माध्यम से पैसा मंगाने वाले गिरोह का नेटवर्क खाड़ी देश बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात तक है।
दस्तावेजों को जांच एजेंसी ने किया जब्त जांच एजेंसी ने इसे बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक में जाकर शाहीन के नाम पर रजिस्टर एक लॉकर को खोलकर चेक किया। जिसमें जांच टीम को कुछ दस्तावेज मिले है। जिनको जांच एजेंसी अपने साथ लेकर गई है।
ये दस्तावेज क्या है इनमें क्या मिला है इसका अभी कोई खुलासा नही किया गया है। सूत्रों ने ये भी बताया कि शाहीन एजेंसी की जांच में सहयोग नहीं रही है। वीरवार को जब उसको फरीदाबाद लाया गया तो वह टीम को लगातार बरगलाती रही।

जांच एजेंसी ने इसे बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक में जाकर शाहीन के नाम पर रजिस्टर एक लॉकर को खोलकर चेक किया। जिसमें जांच टीम को कुछ दस्तावेज मिले है।
सबसे पहले यूनिवर्सिटी लेकर पहुंची
NIA की टीम सबसे पहले डॉक्टर शाहीन सईद को धौज गांव स्थित अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी लेकर पहुंची। टीम ने उसे उसी हॉस्टल बिल्डिंग में ले जाकर कमरे नंबर 22 में प्रवेश कराया, जहां वह रहती थी। शाहीन से जांच एजेंसी ने सभी प्रकार की जानकारी ली, जैसे कि वह वहां दिनभर क्या करती थी, कौन-कौन उससे मिलने आता था और किन लोगों से उसका नियमित संपर्क था।
कैबिन और क्लास रूम लेकर गई
इसके बाद एनआईए ने उसे मेडिकल वार्ड, क्लासरूम और उसके डॉक्टर कैबिन में ले जाकर वहां मौजूद गतिविधियों और उसके संपर्कों की पहचान करवाई। शाहीन सईद किन स्टाफ सदस्यों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के संपर्क में थी और उनका व्यवहार कैसा था। टीम इन सभी लोगों की सूची तैयार कर आगे की जांच में शामिल कर रही है।

VC के सामने लेकर जाया गया पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाहीन को यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भूपिंद्र कौर आनंद के पास भी ले जाया गया, जहां दोनों की आमने-सामने पहचान करवाई गई। यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि शाहीन यूनिवर्सिटी में रहते हुए कई संदिग्ध के संपर्क में थी।
खोरी जमालपुर लेकर गई टीम इसके बाद NIA की टीम शाहीन को खोरी जमालपुर लेकर पहुंची, जहां उसका और डॉक्टर मुजम्मिल का निकाह हुआ था। सूत्र बताते हैं कि मुजम्मिल ने सिर्फ निकाह के लिए एक 3BHK का फ्लैट किराए पर लिया था। निकाह समारोह में डॉक्टर उमर सहित लगभग 10–12 लोग मौजूद थे, जिनकी पहचान भी शाहीन ने एनआईए को बताई है। टीम अब निकाह में शामिल सभी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है।
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