
Longest Flyover in India : केरल और तमिलनाडु के बीच देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है. इसकी लंबाई करीब 13 किलोमीटर है, जिसके पूरा होने के बाद दोनों राज्यों की बीच सफर में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा.

हाइलाइट्स
- केरल-तमिलनाडु के बीच 12.75 किमी लंबा फ्लाईओवर बन रहा है.
- फ्लाईओवर से यात्रा समय 2 घंटे कम होगा.
- फ्लाईओवर का निर्माण 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.
नई दिल्ली. क्या आपको पता है कि देश में सबसे लंबा फ्लाईओवर कहां बनाया जा रहा है और इसकी लंबाई वास्तव में कितनी है. शायद नहीं, तो इस आर्टिकल में आपको इस फ्लाईओवर की हर खूबी और जरूरत के बारे में जानकारी मिलेगी. दक्षिण भारत के दो बड़े राज्य केरल और तमिलनाडु के बीच यह फ्लाईओवर बनाया जा रहा है, जिसे देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर माना जा रहा है. इस फ्लाईओवर के बनने के बाद दोनों राज्यों के बीच लगने वाला समय करीब 2 घंटे कम हो जाता है.
फ्लाईओवर की लंबाई 12.75 किलोमीटर है, जबकि चौड़ाई करीब 26 मीटर है, जिस पर छह-लेन की सड़क बनाई जा रही है. इस फ्लाईओवर को बनाने पर करीब 2,200 करोड़ रुपये का खर्चा आने का अनुमान है. यह प्रोजेक्ट अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड (महाराष्ट्र) द्वारा बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य 2023 में शुरू हुआ और मई 2026 में इसके पूरा होने का अनुमान है. जून तक इस प्रोजेक्ट का 65 फीसदी हिस्सा तैयार हो चुका है. इस फ्लाईओवर के 360 खंभे और 3 हजार से ज्यादा गर्डर का निर्माण पूरा हो चुका है.
क्या है इसका मकसद
इस फ्लाईओवर से कोच्चि के बाहरी इलाकों में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी. केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी. इसका निर्माण पूरा होने के बाद केरल के कई जिलों में आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी. इनमें कासरगोड, कन्नूर, कोझिकोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, एर्नाकुलम, अलप्पुझा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जैसे जिले शामिल हैं.
फ्लाईओवर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर किया जा रहा है, ताकि इसके लिए कम से कम भूमि अधिग्रहण की जरूरत पड़े. भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाला यह एलिवेटेड हाईवे देश में सबसे लंबा होगा. वर्तमान में सबसे लंबा एलिवेटेड हाईवे हैदराबाद का पीवी नरसिम्हा राव फ्लाईओवर है, जिसकी लंबाई 11.6 किलोमीटर है.
कितना कम हो जाएगा समय
अरूर-थुरावूर फ्लाईओवर बनने के बाद केरल और तमिलनाडु के बीच सफर का समय करीब 1 घंटा कम हो जाएगा. अभी इस दूरी को तय करने में करीब 5 घंटे का समय लगता है और फ्लाईओवर बनने के बाद यह समय घटकर 3 से 4 घंटे ही रह जाएगा. एनएचएआई ने इस फ्लाईओवर के बनने के बाद एडापल्ली-अरूर खंड पर 14.64 किमी लंबे एक और छह-लेन के एलिवेटेड हाईवे के निर्माण की योजना बनाई है. इसका निर्माण भी जल्द शुरू हो सकता है, जिसकी लागत करीब 3,600 करोड़ रुपये बताई जाती है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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