
Who is Shashank Mani: कौन हैं शशांक मणि त्रिपाठी?
शशांक मणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के बरपार गांव के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के मशहूर कॉल्विन ताल्लुकेदार कॉलेज से की,जहां इन्हें स्पोर्ट्स और एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल भी मिला. इसके बाद इन्होंने IIT दिल्ली से बीटेक किया और फिर विदेश जाकर स्विटजरलैंड के IMD बिजनेस स्कूल से MBA की डिग्री हासिल की.इस तरह वह पढ़ाई-लिखाई में टॉपक्लास रहे.
18 साल तक विदेश में की नौकरी
दादा थे आईएएस, पिता सेना में अफसर
शशांक के दादाजी पंडित सूरत नारायण मणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश कैडर के IAS ऑफिसर थे.वह कई जिलों के डीएम रहे.बाद में काशी विद्यापीठ वाराणसी के वाइस चांसलर और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के फाउंडर मेंबर्स रहे.बाद में वो विधान परिषद के सदस्य भी बने.इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी भारतीय सेना से रिटायर हुए और 1996 में देवरिया से BJP के टिकट पर सांसद बने. शशांक के एक चाचा श्रीनिवास मणि त्रिपाठी गौरीबाजार से विधायक रहे, जबकि दूसरे चाचा श्रीविलास मणि त्रिपाठी IPS ऑफिसर थे और उत्तर प्रदेश के DGP के पद तक पहुंचे.इस तरह उनके परिवार में IAS, DGP, सांसद और विधायक तक रहे.
2024 में सांसद बने शशांक
टीम शशि थरूर में और कौन कौन?
शशि थरूर की टीम में शशांक के अलावा अन्य सांसद शंभवी चौधरी, डॉ. सरफराज अहमद, गंती हरीश मधुर, भुवनेश्वर कलिता, तेजस्वी सूर्या, मिलिंद देवड़ा, सुदीप बंद्योपाध्याय और 2 गैर-राजनेता तरनजीत सिंह संधू, डॉ. वरुण जेफ भी शामिल हैं.
अब तक किन-किन देशों में घूम चुकी है शशि थरूर की टीम?
शशि थरूर की अगुवाई वाली ये सर्वदलीय टीम अब तक 5 देशों की यात्रा कर चुकी है, जहां इन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को दुनिया के सामने रखा.
गुयाना: यहां टीम ने गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स से मुलाकात की और 59वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया.
पनामा: यहां भी टीम ने स्थानीय नेताओं से मुलाकात कर भारत की स्थिति को समझाया.
कोलंबिया: कोलंबिया में टीम की कोशिशों का बड़ा असर हुआ.पहले कोलंबिया ने पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति वाला बयान दिया था,लेकिन शशि थरूर की टीम ने वहां के नेताओं को समझाया.जिसके बाद कोलंबिया ने अपना बयान वापस ले लिया और भारत के खिलाफ टेररिज्म को लेकर हमारा साथ दिया.
ब्राजील: ब्राजील में टीम ने वहां के उप-राष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन से मुलाकात की और टेररिज्म के खिलाफ ब्राजील का समर्थन हासिल किया.
अमेरिका:टीम ने सबसे पहले न्यूयॉर्क में अपनी बात रखी और फिर 3 से 5 जून 2025 तक वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी नेताओं,थिंक टैंक्स और मीडिया से मुलाकात की. हर जगह इस टीम ने भारत की जीरो टॉलरेंस टू टेररिज्म पॉलिसी को साफ तौर पर रखा और पाकिस्तान की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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