
JEE Mains Success: किशनलाल, एक किसान के बेटे, ने जेईई मेन्स में सफलता हासिल कर अपने परिवार का सपना साकार किया है. पिता उम्मेदाराम 8वीं पास और मां निरक्षर हैं, पर बेटे की पढ़ाई के लिए कर्ज लिया.

JEE Mains Success
- किशनलाल ने जेईई मेन्स में सफलता हासिल की.
- किशनलाल ने ओबीसी कैटेगरी में 4331वीं रैंक पाई.
- किशनलाल के पिता ने कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया.
बाड़मेर: लोग कहते हैं कि छोटे घरों के बच्चों को बड़े सपने देखने का हक नहीं होता, लेकिन आज स्थितियां बदल चुकी हैं. अब रेगिस्तान के छोटे-छोटे घरों और ढाणियों से बच्चे ऐसी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं, जो सबको चौंका देती हैं. पिता केवल 8वीं पास और मां पूरी तरह निरक्षर होने के बावजूद, पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए ब्याज पर कर्ज लेकर भी हिम्मत नहीं हारी. अब उसी बेटे ने जेईई मेन्स परीक्षा में सफलता हासिल कर परिवार के सपने और संघर्ष को साकार कर दिया है.
हम बात कर रहे हैं किसान के बेटे किशनलाल की, जिसने अपने पिता के कर्ज के पैसों से पढ़ाई की और एक ऐसी सफलता हासिल की कि उसके पिता के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई. किसान के बेटे की इस सफलता पर न केवल लीलाला गांव, बल्कि बालोतरा जिले को भी गर्व है.
जेईई मेन्स में चयनित होकर परचम लहरा दिया
पिता 8वीं पास, बेटा बनेगा इंजीनियर बालोतरा जिले के बायतु उपखंड के लीलाला के किसान उम्मेदाराम खुद महज 8वीं तक पढ़े हैं और उनकी पत्नी मांगी देवी निरक्षर हैं. लेकिन उनके बेटे किशनलाल ने जेईई मेन्स में चयनित होकर परचम लहरा दिया है. किशनलाल के पिता बताते हैं कि बेटे की सफलता के बाद उधारी कुछ भी नहीं लगती.
कर्ज लेकर बेटे को बनाया इंजीनियर
कर्ज लेकर बेटे को बनाया इंजीनियर किशनलाल ने बताया कि उनके बड़े भाई उगराराम की प्रेरणा से उन्होंने यह सफलता हासिल की है. उनके पिता महज 8वीं पास हैं, लेकिन उन्होंने पढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की और सेठ-साहूकारों से ब्याज पर रुपये उधार लेकर उन्हें पढ़ाया.
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