
आर्ट्स और होम साइंस में क्या अंतर है?
आर्ट्स में फ्लेक्सिबिलिटी है और संभावनाएं भी ज्यादा हैं, जबकि होम साइंस प्रैक्टिकल स्किल और स्पेसिफिक करियर पर फोकस करता है. आर्ट्स स्ट्रीम स्टूडेंट को सोशल, कल्चरल और पॉलिसी से जुड़े मुद्दों से जोड़ती है, वहीं होम साइंस लाइफस्टाइल, हेल्थ और डिजाइन से संबंधित है. दोनों में नौकरी और सैलरी की संभावनाएं आपकी मेहनत और विशेषज्ञता पर निर्भर करती हैं. 10वीं के बाद सही स्ट्रीम को लेकर कंफ्यूज्ड हैं तो जानिए आर्ट्स और होम साइंस के बीच कुछ बेसिक अंतर.
आर्ट्स स्ट्रीम के विषय, कोर्स, नौकरी, करियर स्कोप, सैलरी
आर्ट्स की खासियत
इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, साहित्य (हिंदी/अंग्रेजी), दर्शनशास्त्र आदि. आर्ट्स में विविध विषयों का कॉम्बिनेशन होता है, जिससे क्रिएटिविटी और एनालिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा मिलता है. इसके लिए रिसर्च, लेखन, संचार, प्रॉब्लम सॉल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स का होना जरूरी है.
उच्च शिक्षा: BA (इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान आदि), लॉ (LLB), पत्रकारिता, शिक्षण (B.Ed), सिविल सेवा की तैयारी (UPSC, PCS).
नौकरी के अवसर:
सिविल सेवाएं: IAS, IPS, IFS जैसे पद.
शिक्षण: स्कूल/कॉलेज में शिक्षक या प्रोफेसर.
पत्रकारिता: रिपोर्टर, एडिटर, कंटेंट राइटर.
अन्य: सोशल वर्क, NGO, मानव संसाधन (HR), काउंसलिंग, विज्ञापन, Archeology.
शुरुआती: 2.5-5 लाख रुपये प्रति वर्ष (प्राइवेट सेक्टर में कंटेंट राइटर, टीचर आदि).
अनुभव के बाद: सिविल सेवाओं में 7-15 लाख रुपये प्रति वर्ष (IAS/IPS), पत्रकारिता में 5-10 लाख, शिक्षण में 4-8 लाख।
ऊंचे पदों पर: 15-25 लाख रुपये या अधिक (वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कॉरपोरेट HR).
होम साइंस स्ट्रीम के विषय, कोर्स, नौकरी, करियर स्कोप, सैलरी
होम साइंस की खासियत
विषय: पोषण और आहार विज्ञान (Nutrition and Dietetics), कपड़ा और परिधान डिजाइन (Textile and Apparel Design), मानव विकास (Human Development), गृह प्रबंधन (Home Management), परिवार और समुदाय विज्ञान (Family and Community Sciences).
स्किल्स: कुकिंग, डिजाइनिंग, न्यूट्रिशन प्लान, रिसोर्स मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन.
उच्च शिक्षा: B.Sc (होम साइंस), B.Sc (न्यूट्रीशन एंड डाइटेटिक्स), फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, मास्टर डिग्री (M.Sc).
नौकरी के अवसर:
हेल्थ: डाइटिशियन, न्यूट्रीशनिस्ट, हेल्थ काउंसलर.
एजुकेशन: स्कूलों में होम साइंस शिक्षक, कॉलेज लेक्चरर.
डिजाइन: टेक्सटाइल डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर, फैशन डिजाइनर.
अन्य: फूड टेक्नोलॉजिस्ट, कम्युनिटी डेवलपमेंट वर्कर, NGO में जॉब, स्वरोजगार (बेकरी, बुटीक).
शुरुआती: 2-4 लाख रुपये प्रति वर्ष (डाइटिशियन, शिक्षक, टेक्सटाइल डिजाइनर).
अनुभव के बाद: डाइटिशियन/न्यूट्रीशनिस्ट 5-10 लाख, इंटीरियर/फैशन डिजाइनर 4-8 लाख.
सेल्फ एंप्लॉयमेंट: बेकरी, कंसल्टेंसी या बुटीक में 5-15 लाख या इससे अधिक, अनुभव और ब्रांड पर निर्भर.
आर्ट्स बनाम होम साइंस, किसमें लें एडमिशन?
करियर स्कोप: आर्ट्स में डायवर्स अवसर (सिविल सेवा, लॉ, पत्रकारिता) उपलब्ध हैं, जबकि होम साइंस में विशिष्ट क्षेत्र (पोषण, डिजाइन).
प्रैक्टिकल स्कोप: होम साइंस में प्रैक्टिकल स्किल्स बहुत उपयोगी होती हैं, आर्ट्स में एनालिटिकल और थ्योरेटिकल ज्ञान लॉन्ग टर्म बेनिफिट देता है.
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