
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप फिट रहें। लेकिन व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण अधिकतर लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं और खुद पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। खासतौर पर महिलाएं घर और बाहर की तमाम जिम्मेदारियों के बीच अपनी फिटनेस और हेल्थ पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। जिसके कारण उनका वेट बढ़ जाता है और शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं। जिसकी वजह से जोड़ों से जुड़ी समस्याएं, घुटनों का दर्द और एनर्जी में कमी आदि होने लगती है।
यदि आपके पास भी सुबह एक्सरसाइज करने का समय नहीं है या फिर जिम जाना संभव नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप अपना पसंदीदा टीवी शो देखते हुए भी कुछ आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकती हैं। यह छोटी-छोटी एक्सरसाइज न सिर्फ आपको फिजिकली फिट रखेंगी बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ पर भी पॉजिटिव रिजल्ट डालेंगी। ऐसे में आज हम आपको 3 ऐसी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको आप अपने लिविंग रूम में सोफे का इस्तेमाल करते हुए भी कर सकती हैं।
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लंबर स्ट्रेच
लंबे समय तक बैठे रहने या फिर गलत मुद्रा में बैठने के कारण पीठ दर्द की समस्या हो जाती है। यह एक्सरसाइज पीठ दर्द और जकड़न से राहत दिलाने का काम करता है। वहीं यह पीठ के निचले हिस्से को स्ट्रेच करने का बेस्ट तरीका है। इस स्ट्रेच को करने से कमर और पीठ के निचले हिस्से में दर्द कम होता है। साथ ही मसल्स में लचीलापन बढ़ता है और रीढ़ की हड्डी को सहारा मिलता है। इस एक्सरसाइज को करने से मसल्स का तनाव कम होता है और ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है।
ऐसे करें
सबसे पहले सोफे के सामने फर्श पर पीठ को सीधा करके बैठ जाएं।
दोनों घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें।
फिर सांस भरते हुए दोनों हाथों को सीधा ऊपर की तरफ उठाएं और उंगलियों को आपस में फंसा लें।
अब गर्दन को आरामदायक स्थिति में रखें और हल्के से पीछे की ओर जाने दें।
इस पोजिशन में कुछ सेकेंड रुकने के बाद सामान्य सांस लेते रहें और स्ट्रेच को महसूस करें।
फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य पोजिश में वापस आएं।
आप रोजाना कम से कम 1 मिनट तक इस एक्सरसाइज को करें और इसको 2-3 बार दोहराएं।
चेस्ट ओपनर
यह एक्सरसाइज उन महिलाओं के लिए अधिक फायदेमंद है, जो अक्सर कंधे झुकाकर बैठती हैं। फोन या कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल करती हैं। इससे चेस्ट की मसल्स सिकुड़ जाती है और कंधे आगे की ओर झुक जाते हैं। ऐसे में यह एक्सरसाइज करने से चेस्ट की मसल्स खुलती है और पीठ व कमर का दर्द दूर होता है। चेस्ट ओपनर स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से पोश्चर में सुधार होता है और शरीर में लचीलापन आता है।
ऐसे करें
इसको करने के लिए सोफे के किनारे पीठ को एकदम सीधा करके बैठ जाएं।
अब दोनों पैरों को सामने की तरफ स्ट्रेच करें या फिर घुटनों को मोड़कर जमीन पर रखें।
शरीर को पीछे की ओर धीरे-धीरे इस तरह से झुकाएं कि सिर और कंधों के ऊपरी हिस्सा सोफे पर आराम से टिक जाए।
बॉडी को पीछे की ओर स्ट्रेच करें और सिर को सोफे से टिकाएं। इससे चेस्ट पर स्ट्रेच महसूस होगा। वहीं कंधों को आराम दें।
इस पोजिशन में थोड़ी देर रहें और गहरी व धीमी सांस लें और छोड़ें।
आप 30 सेकेंड से लेकर 1 मिनट तक इसको बनाए रख सकती हैं।
अगर ठीक लगता है तो करीब 5 मिनट तक धीरे-धीरे सांस लेते हुए खुद को रिलैक्स करें।
ग्रोइन स्ट्रेच
ग्रोइन स्ट्रेच हिप्स और थाइज के अंदरूनी हिस्से के अलावा हिप्स के जोड़ों के आसपास की मसल्स के लिए फायदेमंद होती है। इसको करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है। इसको करने से हैमस्ट्रिंग और हिप फ्लेक्सर्स का तनाव कम होता है। जोकि लंबे समय तक बैठेने पर टाइट हो जाती है। इस स्ट्रेच को करने से हिप्स की मोबिलिटी मे सुधार होता है। अगर आप इसको रोजाना करते हैं, तो इससे शरीर के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। साथ ही स्ट्रेच करने से मसल्स रिलैक्स होती हैं।
ऐसे करें
इसको करने के लिए फर्श पर सोफे के सामने पीठ के बल लेट जाएं। आपका सिर सोफे से कुछ ही दूरी पर होना चाहिए।
दोनों हाथों को आराम से सिर के पीछे रख लें।
दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और पिंडलियों को सोफे पर इस तरह रखें कि आपके घुटने 90 डिग्री पर मुड़ें। लेकिन इस समय आपकी पीठ और हिप्स जमीन पर सपाट होने चाहिए।
अब दाएं पैर को सोफे से नीचे जमीन पर सीधा फैलाएं। वहीं बायां पैर सोफे पर सेम पोजिशन पर रहने दें।
ऐसा करने पर दाएं हिप्स के अगले और बाएं हैमस्ट्रिंग मे हल्का स्ट्रेच महसूस होगा।
अब 10 सेकेंड के लिए खुद को इस पोजीशन में होल्ड करें और सांस लेते रहें।
फिर दाएं पैर को सोफे पर पहली वाली पोजिशन में लाएं और वहीं प्रोसेस बाएं वाले पैर से करें।
इस तरह से दोनों पैरों से बारी-बारी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को कम से कम 2-3 बार करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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