Dharmendra Poem in Ikkis: धर्मेंद्र को हिंदी सिनेमा के सबसे हैंडसम और बहुमुखी कलाकार के रूप में जाना जाता है। अपने 65 साल के करियर में उन्होंने तरह-तरह के रोल किए हैं। जब-जब हीमैन बड़े पर्दे पर आते, तब-तब उनकी अदाकारी के लोग दीवाने हो जाते थे। उनकी आखिरी फिल्म इक्कीस जल्द रिलीज होने वाली है जिसमें उन्होंने एक भावुक कविता कही है।
धर्मेंद्र अपने आखिरी समय तक भी फिल्मों में एक्टिव थे। ये उनकी ही ख्वाहिश थी कि जब मौत आए, तब भी उन्होंने अपने ‘बूट्स’ पहने हो, यानि वो अपनी आखिरी सांस तक भी फिल्मों में काम करना चाहते थे और ऐसा हुआ भी। उन्होंने 24 नवंबर को दम तोड़ दिया लेकिन उनके किरदार हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
फिल्म ‘इक्कीस’ में धर्मेंद्र की कविता
‘इक्कीस’ के मेकर्स ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए धर्मेंद्र द्वारा लिखित और सुनाई गई एक कविता जारी की है, जिसका इस्तेमाल उनकी आखिरी फिल्म में किया गया है। इस कविता का शीर्षक है- ‘आज भी जी करदा है, पिंड अपने नू जांवा’। ये कविता धर्मेंद्र की अपनी मिट्टी में लौटने की चाहत को बयां करती है। इसे खासतौर पर ‘हीमैन’ ने अपनी जड़ों और अपने पैतृक गांव लौटने की तड़प को बयां करते हुए लिखा है जो आपको भावुक कर देगी।
जैसे ही मेकर्स ने ये कविता जारी की, फैंस इसे सुनकर भावुक हो गए। जहां कुछ लोग अपने गांव को याद कर रोने लगे, तो बहुत से लोग धरम पाजी को मिस कर रहे हैं। एक ने लिखा- ‘धर्मेंद्र एक ऐसे कलाकार थे जो हमेशा अपनी मिट्टी से जुड़े रहे’। वही, दूसरे यूजर ने लिखा- ‘धरम जी की ये आखिरी फिल्म अब हमें और भी ज्यादा रुलाएगी’।
फिल्म ‘इक्कीस’ में आखिरी बार दिखेंगे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र के निधन के दिन, ‘इक्कीस’ के निर्माताओं ने फिल्म से उनका पहला लुक जारी किया। ‘इक्कीस’ का निर्माण मैडॉक फिल्म्स द्वारा किया गया है और निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया है। अगस्त्य नंदा इसमें अरुण खेत्रपाल का मुख्य किरदार निभा रहे हैं जिन्हें 1971 के भारत-पाक युद्ध में बसंतर की लड़ाई के दौरान 21 साल की उम्र में शहीद होने के बाद मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। धर्मेंद्र ने अरुण के पिता ‘ब्रिगेडियर एमएल खेत्रपाल’ की भूमिका निभाई है।


