
कोलकाता/अगरतला. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर 11 जून को भीड़ द्वारा बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास में कथित रूप से की गई तोड़फोड़ के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा कि जिसे क्षतिग्रस्त किया गया वह सिर्फ एक घर नहीं है, बल्कि उपमहाद्वीप में ‘रचनात्मकता का अक्षय स्रोत’ है. वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले और तोड़फोड़ की निंदा की है.
स्थानीय खबरों के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता कवि के पैतृक निवास पर किया गया हमला आठ जून को सिराजगंज में रवींद्र कचहरीबाड़ी के एक आगंतुक और कर्मचारी के बीच दोपहिया वाहन के पार्किंग शुल्क को लेकर हुए विवाद का परिणाम था.
उन्होंने आगे कहा कि टैगोर न केवल बंगाल में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. बांग्लादेशी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि पुरातत्व विभाग ने इमारत में आगंतुकों की पहुंच को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले और तोड़फोड़ की निंदा की और इसे ‘भारतीय संस्कृति और विरासत पर हमला’ करार दिया. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, “बांग्लादेश के शाहजादपुर में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की. यह कृत्य पूरे देश के लिए बेहद निंदनीय और शर्मनाक घटना है. टैगोर भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान के निर्माता हैं.”
साहा ने पोस्ट में कहा, “टैगोर के पैतृक घर पर हमला हमारी संस्कृति और विरासत पर हमला है. मैं इस चौंकाने वाली घटना में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग करता हूं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.” भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राजीब भट्टाचार्य ने भी बांग्लादेश में टैगोर के आवास पर की गई तोड़फोड़ की निंदा की और इसे साहित्य, संस्कृति और मानवतावाद पर आघात बताया.
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