
दिल्ली के एक उद्यमी का लिंक्डइन पोस्ट इन दिनों काफी वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में शख्स ने 1970 से आज के समय के मिडिल क्लास की तुलना की है. 1970 से 2025 के बीच 55 साल बीत चुके हैं. देश ने काफी तरक्की की है. मिडिल क्लास ने भी खुद को अपग्रेड किया है, लेकिन इन 55 सालों में देश के मिडिल क्लास को कई तरह के चैलेंजेस भी फेस करने पड़े हैं.
शख्स द्वारा की गई इस तुलनात्मक पोस्ट को लेकर इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या भारत की आर्थिक स्थिति में उछाल व्यक्तिगत स्थिरता और मन की शांति की कीमत पर आया है. इस शख्स की पोस्ट तो इस ओर ही इशारा करती है, जिसमें कहा गया है कि 1970 की तुलना में 2025 में मिडिल क्लास के लोगों की मेंटल स्ट्रेस बढ़ी है.
1970 से की 2025 की तुलना
बिनोलूप के संस्थापक हिमांशु कालरा ने अपनी पोस्ट में 1970 के मिडिल क्लास की तुलना 2025 के मिडिल क्लास से की है. उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, भारतीय मिडिल क्लास व्यक्ति का जीवन, 1970 बनाम 2025.
1970 में…
- आप कॉलेज जाते हैं.
- आप डिग्री लेते हैं.
- आप एक हुनर सीखते हैं.
- इसी हुनर के दम पर नौकरी पाते हैं.
- अच्छी सैलरी पर अपने करियर की शुरुआत करते हैं.
- एक अच्छा घर लेते हैं.
- शादी करते हैं.
- तीन बच्चे होते हैं.
- पांच लोगों का परिवार पालते हैं.
- आप अपने जीवन में पूरी तरह सेटल हो जाते हैं.
वहीं 2025 में…
- कॉलेज तक पहुंचने के लिए लाखों लोगों से कंपटीशन करते हैं.
- लोन से शुरुआत करते हैं.
- डिग्री प्राप्त करते हैं.
- कई तरह के हुनर सीखते हैं.
- हर हुनर दो साल में पुराना हो जाता है.
- नौकरी पाने के लिए हजारों लोगों से कंपटीशन करते हैं.
- महंगाई बढ़ती जाती है.
- सैलरी में अच्छा अप्रेजल नहीं मिलता.
- नया हुनर सीखते हैं.
- शादी करते हैं.
- एक बच्चा करते हैं.
- दोनों पार्टनर बच्चे को पालने के लिए कमाते हैं.
- मेंटल स्ट्रेस? इसे आप खुद ही समझिए.
पोस्ट में दिखाए गए हैं असल चैलेंजेस
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट में बदलते समय के साथ मिडिल क्लास के लिए सामने आ रहे चैलेंजेस को दिखाया गया है. इस पोस्ट के जरिए शख्स ने यह दिखाने की कोशिश की है कि 1970 की तुलना में मिडिल क्लास व्यक्ति के जीवन में कितनी चुनौतियां आई हैं, वह कॉलेज शुरू करने से लेकर परिवार पालने तक कर्ज में डूबा रहता है और उसकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ती जाती है.
यूजर्स दे रहे मिलीजुली प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर हिमांशु कालरा का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स मिली जुली प्रतिक्रिया रहे हैं. एक यूजर ने बढ़ती चुनौतियों के पीछे बढ़ती जनसख्ंया को जिम्मेदार ठहराया. तो वहीं एक यूजर ने लिखा, पहले की तुलना में आज लोगों के पास मौके बहुत हैं, लेकिन लोगों में क्लियरिटी नहीं है. एक यूजर ने लिखा, अपस्किलिंग, मुद्रास्फीति और मानिसक स्वास्थ्य संघर्ष कभी न खत्म होने वाला चक्र है.
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