
Dassault एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के राफेल विमान नष्ट करने के दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि भारत ने कोई राफेल नहीं खोया है और मिशन की सफलता का मतलब लक्ष्य की प्राप्ति है.

हाइलाइट्स
- पाकिस्तान का राफेल नष्ट करने का दावा गलत: Dassault CEO
- भारत ने कोई राफेल विमान नहीं खोया: एरिक ट्रैपियर
- राफेल मिशन की सफलता का मतलब लक्ष्य की प्राप्ति है.
नई दिल्ली. राफेल विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी Dassault एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने हाल ही में पाकिस्तान द्वारा किए गए दावे को सिरे से खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि मई की शुरुआत में हुए भारत-पाक हवाई संघर्ष में भारत ने एक राफेल विमान खो दिया है. ट्रैपियर ने साफ रूप से कहा कि ‘पाकिस्तान का यह दावा पूरी तरह गलत है. हमारे पास इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं कि भारत का कोई राफेल विमान क्षतिग्रस्त हुआ है.’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तरफ से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, इसलिए घटना की पूरी सच्चाई अभी सामने नहीं आई है.
एरिक ट्रैपियर ने बताया कि किसी भी सैन्य अभियान में केवल ‘कोई नुकसान नहीं हुआ’ यह पैमाना नहीं होता. उन्होंने कहा कि ‘लड़ाकू विमान जब मिशन पर जाते हैं, तो उनका मकसद मिशन के लक्ष्य को पूरा करना होता है, ना कि हर हाल में एक भी नुकसान न होना.’ उनका कहना था कि जैसे द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों को नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने युद्ध जीता क्योंकि उन्होंने अपने मुख्य लक्ष्य हासिल किए. उसी तरह, राफेल मिशन में भी अगर कोई नुकसान हुआ हो (जिसकी अभी पुष्टि नहीं है), तो इससे मिशन की सफलता को नकारा नहीं जा सकता.
पाकिस्तान की तरफ से यह दावा किया गया था कि उसने भारत के तीन राफेल विमानों को नष्ट किया है. इस पर ट्रैपियर ने दो टूक कहा कि ‘पाकिस्तानी बयान गलत और भ्रामक हैं. जब सारी सच्चाई सामने आएगी, तब बहुत से लोग हैरान रह जाएंगे.’ उन्होंने यह भी संकेत दिए कि राफेल अपनी सीमा पर नहीं, बल्कि अपनी ताकत के चरम पर है. उन्होंने कहा कि ‘राफेल एक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है जो हर तरह की चुनौती के लिए तैयार है और अब तक भारतीय वायुसेना के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ है.’
Dassault के सीईओ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत-पाक तनाव और अफवाहें दोनों चरम पर हैं. ट्रैपियर का यह बयान भारत में राफेल के भविष्य और उसके प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर भरोसा जगाता है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत सरकार इस विवाद पर कब और क्या आधिकारिक प्रतिक्रिया देती है. तब तक राफेल को लेकर सच और झूठ के बीच की लड़ाई जारी रहेगी, लेकिन एक बात तय है – राफेल को लेकर दुनिया की नजरें भारत पर लगी हुई हैं.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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