भारतीय मौसम विभाग ने नया अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि चक्रवात दित्वा का रुख अब उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी तट की तरफ हो गया है. बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में तेजी से ताकत बढ़ाते इस तूफान के कारण दोनों राज्यों में स्थिति गंभीर हो सकती है. विभाग के अनुसार यह सिस्टम वर्तमान में श्रीलंका के करीब स्थित है और तेजी से आगे बढ़ रही है.
IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि शुक्रवार (28 नवंबर 2025) की रात से शनिवार (29 नवंबर 2025) सुबह के बीच चक्रवात श्रीलंका के ऊपर से गुजरेगा. इसके बाद यह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में और शक्तिशाली रूप ले सकता है. इसी कारण भारतीय तटों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. इसके अलावा 29 नवंबर की रात तमिलनाडु के करीब पहुंचेगा. वहीं तूफ़ान दित्वा 30 नवंबर सुबह तक पुडुचेरी–कडलोर–चेन्नई के पास से गुज़रेगा. इसके बाद 30 नवंबर की रात को आंध्र तट के पास से गुजरेगा. आखिर में 1 दिसंबर को तूफान कमजोर हो जाएगा.
#WATCH | Tamil Nadu | Rainfall over Thoothukudi, influenced by cyclone ‘Ditwah’ centred over coastal areas of Sri Lanka and adjoining southwest Bay of Bengal, causes waterlogging in many areas.
The cyclone is expected to move north-northwestwards and reach near the North Tamil… pic.twitter.com/mNRccdaGCB
— ANI (@ANI) November 29, 2025
तमिलनाडु में रेड अलर्ट
तूफान की दिशा बदलते ही तमिलनाडु सरकार ने तटीय जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है. कुड्डालोर, मयिलादुथुराई, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू और पुडुचेरी क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा जताया गया है. मौसम विभाग के अनुसार हवाओं की रफ़्तार 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो पेड़ों, बिजली लाइनों और कच्चे घरों के लिए बेहद खतरनाक है.
#WATCH | Nagapattinam, Tamil Nadu | High tides, strong winds and rainfall hit the coastal areas of Tamil Nadu as cyclone Ditwah moves closer. pic.twitter.com/67TxXl6Iol
— ANI (@ANI) November 29, 2025
हवाओं के साथ भारी नुकसान की आशंका
इस तूफान के दौरान तेज हवाएं इमारतों के टिन शेड, होर्डिंग्स और अस्थायी संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं. खेतों में खड़ी फसलों, सब्जियों और फूलों की पैदावार पर भी बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है. कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित होने का खतरा भी जताया गया है.
शहरों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन सकती है
तटीय जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण शहरी इलाकों में पानी जमा होने की संभावना बढ़ गई है. निचले मोहल्लों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है और कई सड़कों पर यातायात बाधित हो सकता है. पहाड़ी इलाकों में अचानक आने वाली बाढ़ का खतरा भी मौसम विभाग ने रेखांकित किया है.
केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए भी चेतावनी
केरल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि कुछ क्षेत्रों में तेज बरसात भी हो सकती है. आंध्र प्रदेश के यनम और रायलसीमा में भारी से अत्यधिक भारी बरसात का अनुमान है. तेलंगाना में रविवार को कई इलाकों में बारिश तेज हो सकती है, जिसके लिए तैयारी की सलाह दी गई है.
बारिश कब घटेगी?
IMD का अनुमान है कि चक्रवात आगे बढ़ने के साथ बरसात की तीव्रता धीरे-धीरे कम हो जाएगी. हालांकि एक दिसंबर तक दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मौसम पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद नहीं है और कहीं–कहीं भारी बारिश जारी रह सकती है.
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