
कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश में संक्रमित मिलने के साथ कोविड 19 से माैतें भी हो रही हैं. वहीं, अब अमेरिका में सामने आए कोरोना के नए वेरिएंट ने चिंता और बढ़ा दी है. ये वेरिएंट तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. एनबी.1.8.1 नाम के इस वायरस को निम्बस कहा जा रहा है. ये वेरिएंट सीधे गले पर अटैक करता है, जिससे इसकी तुलना रेजर ब्लेड से की जा रही है. आइए जानते हैं कि ये वायरस किस तरह खतरनाक है?
कितना खतरनाक है यह वेरिएंट?
कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट कर रहा है. इसके नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. अब नया वेरिएंट निम्बस है. अमेरिका में तेजी से इसके मामले सामने आ रहे हैं. जून के पहले दो सप्ताह में कोरोना संक्रमण के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें से करीब 37 प्रतिशत केस इसी वेरिएंट के हैं. यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक कोविड के नए वेरिएंट निम्बस को रेजर ब्लेड थ्रोट कहा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रमित होने पर गले का बुरा हाल हो जाता है. गले में तेज दर्द होता है. ऐसा महसूस होता है जैसे रेजर का ब्लेड गले में फंस गया हो.
निंबस के लक्षण
- गले में तेज दर्द होना
- खाना निगलने या पानी पीने में भी कठिनाई
- बोलने में भी परेशानी महसूस होना
- सांस लेने में दिक्कत
- बुखार
- सीने में जकड़न
कब बिगड़ सकती है स्थिति?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अधिकतर मामलों में निम्बस वेरिएंट के हल्के लक्षण ही दिखते हैं. लेकिन अगर ये स्थिति बनी रहती है तो ध्यान देने की जरूरत है. गले में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत हो या सीने में जकड़न, तेज बुखार हो तो डाॅक्टर से कंसल्ट करना उचित होता है.
ऐसे मिल सकती है राहत
- असहनीय दर्द होने पर पैरासिटामोल या आइबूप्रोफेन जैसी दवाएं ले सकते हैं. इससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है.
- गर्म नमक के पानी से गरारे करें. इससे गले में राहत मिलती है.
- मेंथॉल या बेंजोकैन वाले चूसने वाले प्रोडक्ट्स गले को सुन्न कर देते हैं और थोड़ी देर के लिए राहत मिलती है.
- चाय, सूप या गर्म पानी पीने से भी गले में राहत मिल सकती है.
- ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने से कमरे में नमी रहती है और गला ड्राई नहीं होता है.
ऐसे करें बचाव
- बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग विशेष ध्यान रखें.
- भीड़भाड़ या बंद जगहों में मास्क जरूर पहनें.
- हाथों को साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं.
- कोई भी लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर से परामर्श लेने में देरी न करें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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