ओडिशा पुलिस ने राहुल गांधी के कथित ‘देश विरोधी बयान’ मामले में जांच आगे बढ़ा दी है. अब जांच राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) तक पहुंच गई है. पुलिस ने फाउंडेशन को उसके वित्तीय रिकॉर्ड देने का नोटिस भेजा है. झारसुगुडा पुलिस ने फाउंडेशन से उसके वित्तीय रिकॉर्ड और विदेशी डोनेशन संबंधी जानकारी मांगी है.
पुलिस ने फाउंडेशन के निदेशक को भी समन भेजा है. इस नोटिस के तहत फाउंडेशन से जो जानकारियां मांगी है, उनमें शामिल हैं- 1991 से अब तक विदेशी डोनेशन का साल-दर-साल की डिटेल्स, बैंक खाता संबंधी जानकारी, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के नाम, ऑडिटर्स के नाम और संपर्क विवरण, FCRA लाइसेंस की प्रति, विशेष डोनेशन के संबंध में स्पष्टीकरण, खासकर विवादित प्रचारक जाकिर नायक और चीन की सरकार से मिले डोनेशन की जानकारी.
पीएम राहत कोष के कथित गड़बड़ी पर स्पष्टीकरण मांगा गय
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पुलिस ने फाउंडेशन से यूपीए दौर में प्रधानमंत्री राहत कोष के कथित रूप से गड़बड़ी करने के मामले में भी स्पष्टीकरण मांगा है. पुलिस अधिकारी ने चेताया कि नोटिस का पालन नहीं करने पर सेक्शन 210 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
राहुल गांधी पर किस मामले में दर्ज है FIR
इससे पहले इस साल फरवरी में झारसुगुडा में राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. यह FIR कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन समारोह के दौरान राहुल गांधी के बयान पर दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने बीजेपी और RSS पर आरोप लगाया था कि वे राष्ट्रीय संस्थानों पर कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, “अब हम बीजेपी, RSS और भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ रहे हैं.”
यह मामला खासतौर पर इसलिए अहम है क्योंकि यह BNSS (बेसिक नेशनल सिक्योरिटी कानून) के तहत दर्ज किए गए पहले हाई-प्रोफाइल मामलों में से एक है. BNSS ने जुलाई 2024 में भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ली थी. इस बदलाव से राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े मामलों की कानूनी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है. इंस्पेक्टर जनरल (नॉर्दन रेंज) हिमांशु लाल ने कहा, “पुलिस को इस मामले की जांच करने का पूरा अधिकार है. मामला अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है.”