
सीएम डॉ. मोहन यादव ने खुद अफसरों को सस्पेंड करने की जानकारी एक्स पर दी।
भोपाल के 90 डिग्री एंगल वाले ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 8 अफसरों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार रात मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा है कि मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।
सस्पेंड अफसरों पर कल तय होंगे आरोप अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई ने बताया कि जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है। उनके खिलाफ कल आरोप तय किए जाएंगे।
ये अफसर जिम्मेदार 1. शानुल सक्सेना, सहायक यंत्री: रेलवे से सहमति लिए बिना 16 दिसंबर 2021 को जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग 393अ का अनुमोदन किया था। 2. शबाना रज्जाक, प्रभारी कार्यपालन यंत्री:रेलवे से सहमति लिए बिना जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग 393अ का अनुमोदन किया था। 3. संजय खांडे, प्रभारी मुख्य अभियंता:अभी रीवा परिक्षेत्र में पदस्थ हैं। डिजाइन के गलत अनुमोदन के मामले में कार्रवाई की गई है। 4. उमाशंकर मिश्रा, उपयंत्री : वर्तमान में अधीक्षण यंत्री भोपाल मंडल क्रमांक एक में पदस्थ हैं। बिना रेलवे की सहमति के जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग का अनुमोदन कराकर काम कराया गया। 5. रवि शुक्ला प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी: अभी अधीक्षण यंत्री के रूप में पदस्थ हैं, इनके द्वारा भी कार्य कराने में गलती की गई है। 6. जीपी वर्मा प्रभारी, मुख्य अभियंता: सेतु परिक्षेत्र भोपाल द्वारा आरओबी के निर्माण में त्रुटिपूर्ण कार्यवाही कराई है। 7. जावेद शकील, तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री: वर्तमान में प्रभारी अधीक्षण यंत्री कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र में पदस्थ हैं। 8. एमपी सिंह, प्रभारी अधीक्षण यंत्री: डिजाइन कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग सेतु मंडल जो वर्तमान में रिटायर हैं। इन्होंने डिजाइन का अनुमोदन किया है।
समय-सीमा से एक साल प्रोजेक्ट लेट ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू था। समय-सीमा से प्रोजेक्ट एक साल देरी से चल रहा है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा होना था। लेकिन, जून 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है।
मंत्री राकेश सिंह ने कराई थी जांच बता दें, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से जांच करवाई थी। एनएचएआई ने ब्रिज को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें 35-40 किमी प्रति घंटा से अधिक गति से गाड़ी नहीं चलाने का सुझाव दिया गया है। इससे अधिक स्पीड में गाड़ी चली तो हादसा होने का खतरा है।
ऐसे में इस ब्रिज को रिडिजाइन करने का फैसला लिया गया है। हालांकि इस मामले में अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
90 डिग्री एंगल वाले ब्रिज का ड्रोन व्यू…

ब्रिज के एक सिरे की ओर यू शेप का टर्न दिया गया है।

दूसरे सिरे की ओर लगभग 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है।

एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट में ब्रिज पर 30-35 प्रति किमी स्पीड को खतरनाक बताया है।

ब्रिज के करीब ही ऐशबाग स्टेडियम है।
सोशल मीडिया पर मीम्स भी बने भोपाल में बने इस रेलवे ओवरब्रिज को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स भी बनाए हैं। इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।
क्रॉसिंग बंद होने से ब्रिज की जरूरत ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।

ब्रिज की डिजाइन को लेकर कांग्रेस सवाल भी उठा चुकी है।
18 महीने में बनकर तैयार होना था इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।
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ऐशबाग आरओबी को लेकर एनएचएआई की रिपोर्ट…

ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी पर 90 डिग्री के मोड़ को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक यहां 35-40 किमी प्रति घंटा से अधिक गति से गाड़ी नहीं चलाई जा सकेगी। मोड़ पर तो गाड़ी की स्पीड 30 किमी प्रति घंटा करना पड़ेगी। इसके लिए स्पीड कम करने के उपाय करना होंगे। पूरी खबर पढ़ें…
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